मिट्टी मनुष्य की मूलभूत आवश्यकता है। परंतु खेती में केमिकल फ़र्टिलायज़र के बढ़ते उपयोग से, औद्योगिक कारखानों का अपशिष्ट मिट्टी के अंदर दबाया जाना इत्यादि कारणों से मिट्टी प्रदूषण आज उच्च स्तर पर बढ़ चुका है। वनों की मिट्टी में CO2 की एक छोटी सी वृद्धि भी वैश्विक जलवायु के परिणामों के साथ वायुमंडलीय CO2 की मात्रा पर बड़ा प्रभाव डालकर ग्लोबल वॉर्मिंग को बढ़ाती है। मिट्टी के महत्व को देखते हुए ईशा फाउण्डेशन के संस्थापक, सद्गुरु के द्वारा भी पिछले महीने मिट्टी बचाओ अभियान शुरू किया गया है। जो अब मिट्टी के विनाश की ओर दुनिया का ध्यान खींचने वाली बड़ी ताकत बन चुकी है। हम इस आंदोलन में उनका समर्थन करते हैं।

आइये हम जैविक खेती को बढ़ावा दें और मिट्टी बचाएँ !!

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