हमारे प्रयास तेजी से व्यापक रूप से प्रदूषणमुक्त जीवनशैली अपनाने के होने चाहिये । हमारी जीवनशैली हमारे लिए ही खतरनाक बनती जा रही है । प्रदूषण इतना हम लोग फैलाते जा रहे हैं कि आनेवाली पीढ़ियों के लिए यह धरती हम रहने लायक नहीं छोड़ेंगे । ऐसा ही चलता रहा तो गाय के अलावा सस्तन प्राणी और बचेंगे ही नहीं आनेवाले २०० सालों के बाद । शेर, बाघ, जिराफ आदि नष्ट हो जाएँगे, भूतकाल हो जाएँगे जैसे आज हम डायनासोर की बात करते हैं वैसे ही आनेवाली पीढियाँ कहेगी कभी शेर, जिराफ, बाघ भी हुआ करते थे धरती पर । विश्व के सबके अधिक १५ शहरों में १४ शहर भारत के हैं ऐसा WTO की रिपोर्ट है । राजनेतागण, राजनैतिक पार्टियाँ भी प्रदूषण को लेकर जितना होना चाहिये गंभीर नहीं है । अगर अभी से दूरंदेशी विकसित नहीं की तो आनेवाले समय में छोटे-मोटे शहर ही रहने लायक बचेंगे ।
आइये, हम लोग गंभीरता से इस बात पर विचार करें और प्रदूषण को मिटाने के ठोस कदम तत्काल शुरू करें । हर रविवार साइकल डे मनाएँ । सोलर या इलेक्ट्रिक संचालित वाहनों का उपयोग करें ।
भारत में उद्योगों, वाहनों और रसोई के धुएँ के कारण लाखों लोग फेफड़ों की समस्या, हृदय के रोग, कैंसर और न्यूमोनिया जैसे रोगों से दुःखी हैं, पीड़ित हैं ।