पूज्य साँईं जी का ऋतु परिवर्तन संदेश/पत्र
पूज्य श्री नारायण साँई जी ‘ओहम्मो’ का पत्र आपके लिए… ! ! (वकीलों द्वारा प्राप्त)
4 जुलाई, 2018
स्नेहाशीष के साथ पत्र का शुभारंभ कर रहा हूँ ।
देश-विदेश के मेरे प्यारे मित्रों ! साथकों- भक्तजनों ! समर्थकों ! पाठकों ! आप सभी कुशल मंगल होंगे, ऐसी मैं आशा करता हूँ । मैं ‘नारायण साँई’ सूरत, गुजरात से आपको इस पत्र के जरिये शुभ संदेश लिख रहा हूँ।
ऋतु परिवर्तन हुआ है । 2-4 दिन हुए, आसमां से बारिश ने दस्तक दी है पूरे जोश के साथ । देखिये न, भीगे-भीगे से पौधे, पेड़ कितने खुश दिखाई दे रहे हैं। बारिश से मानों एक रौनक आ गई हैं । यह ऋतु निराली है, यह मौसम मनभावन है ! बारिश में भीगने से शरीर की सारी गर्मी मानो निकल गई हैं । तपन दूर हुई है । मन हर्षातिरेक में प्रफुल्लित है ।
मेहंदी की खुशबू लिए, हाथ में हरियाली रचाए, बूँदों की पायल बाँधे घर-ऑँगन को सजाती हुई आ गई है बरखा । पाँवों में स्वाभाविक ही थिरकन-सी आ गई है । धरती का हरी चुनरिया ओढ़ना शुरू हो गया है । कहीं जन-जीवन अस्त-व्यस्त होगा, कहीं बाढ़, कहीं सूखा होगा । कहीं मकान गिरेंगे, तो कहीं जलराशियाँ छलकेंगी । हमें बूंदों का स्वागत करना है । जल को सहेजने के प्रयास करने हैं । मन की माटी की खुशबू को इस बारिश में महसूस करना है । हृदय को संवेदनशील बनाकर बालवत् बारिश में कुछ चलना, कुछ दौड़ना, कुछ उत्सव मनाना है । है न ?
राजेद्र मिश्रा की कविता आपसे साझा किये बिना कैसे रहूँ ? पढ़िये, ये कविता :-
कोंपल फुटी कुसुम खिल उठे
वसुधा में छाई हरियाली
हरित तृणों पर बिखरे मोती
बारिश की पहली बूंदों से…
कू कू करती कोयल कुकी
नन्हीं झूम चिरैया नाची
चातक की जब प्यास बुझ गई
बारिश की पहली बूंदों से…
धवल हुई घर की दीवारें
छत, आँगन सब कोना-कोना
सोंधी-सोंधी माटी महकी
बारिश की पहली बूंदों से…
चाँद मंद मंद मुस्काया
तारे छिटके आसमान पर
चमक उठे धरती पर जूगनू
बारिश की पहली बूंदों से…
भोर हुई फ़िर चपल रश्मियाँ
कनक कलेवर लेकर फैली
हुई प्रफुल्लित वसुन्धरा जब
बारिश की पहली बूंदों से…
इस बरखा में हतोत्साहित नहीं, उत्साहवर्धन करें – स्वयं का भी, दूसरों का भी ! इस माहौल में अपने व्यवहार, सद्आचरण और बोली से सबका मन मोह लें, प्रकृति की नाईं । स्वयं को सुन्दर, मधुर वाणी-व्यवहार में अधिक से अधिक ढालने का प्रयत्न करें । अपनी सुरीली आवाज में गुनगुनाएँ । स्वयं झूमें, गाएँ, नाचें… प्रकृति के साथ ! प्यार और उत्साह के दो शब्द बोल देने से आपका-हमारा क्या घट जायेगा ? अपने चेहरे पर मुस्कान को बिखेरकर दूसरों के मुख पर भी मुस्कान लाने में निमित्त बनें । खुशियाँ देकर खुशी बढ़ाएँ | मधुरता का संचार करें ।
तमाम मुश्किलों के बीच हँसने-हँसाने का हुनर जीवन को सरल बना देता है । जिन्दगी के विभिन्न पड़ावों पर मुस्कुराते हुए समता, शांति, प्रसन्नता को बरकरार रखते हुए हमें आगे बढ़ना है । सफल व्यक्तियों को हम देखें, उनके जीवन में सफलता के राज को जानने की कोशिश करें । सकारात्मक रूप से प्रगति करते चले जाएँ ।
समय के महत्व को समझें । हरदम रचनात्मक और क्रियाशील बने रहें । हर परिस्थिति में जीवंतता को बनाये रखें ।
बातें बहुत-सी है, मुझे विश्वास है कि आपकी तीक्ष्ण विवेकशील बुद्धि इस संदेश को आत्मसात् करेगी । सार निकालने में आपकी सक्षमता है ही । आरोग्य के प्रति सचेत रहियेगा ।
आपमें से कईयों के पत्र मुझे मिलते रहते हैं । चूँकि, सभी पत्रों का उत्तर मैं नहीं दे पाता हूँ । मेरे पत्रों को पढ़कर कईयों ने समाज-देश में सराहनीय कार्य प्रारंभ किये हैं ।
मुझे जानकारी मिली है कि मेरे पत्र फेसबुक के माध्यम से, व्हाट्सप के जरिये एवं अन्य सोश्यल साइट्स के माध्यम से हजारों-लाखों माईल दूर तक पहुँचते हैं ।
आज मेरे से मिलने तमिलनाडु के कोयम्बतूर से, जामनगर (गुजरात) से, बड़ौदा से, दिल्ली से और कई जगहों से लोग आए थे । कईयों का नाम जानता था । कईयों का नहीं जानता था । पर, उनके मुखारविंद पर एक तड़प थी, मुझे जेल से बाहर देखने की । वे उपाय पूछ रहे थे कि हम क्या करें आपको जेल से बाहर लाने के लिए ?
मैंने कहा – इंतजार और प्रार्थना । सत्यरूपी सूर्य के आगे बादल आ सकते है, वे सूर्य को ढक सकते हैं, पर सूर्य के
अस्तित्व को खत्म नहीं कर सकते । ये बादल हटेंगे, छटेंगे और अवश्य जेल की ऊँची दीवारों से बाहर हम उपस्थित
होंगे। आप अपने संस्कारित शुभ कर्मों के बल पर सकारात्मक रूप से प्रगति करो और उम्मीद मत छोड़ो ।
कुछ लोग दुनिया में ऐसे होते हैं कि दूसरों की उन्नति, दूसरों का सुख देखकर उनको तकलीफ होती है । वे अपने दुःख से उतने दुःखी नहीं, पर दूसरों के सुख से दुःखी होते हैं । ऐसे लोग छोटी मानसिकता के होते हैं और दूसरों को आहत करने से बाज नहीं आते ! ये बेहद आसानी से किसी की योग्यता और गुणों को नकारकर दुःख ही देते हैं । आखिर क्यों दूसरों की उन्नति लोगों से देखी नहीं जाती । समझ में नहीं आता, लेकिन हमें तमाम मुश्किलों के बीच हँसने-हँसाने का हुनर अपने जीवन में विकसित करके जीवन को सरल बनाना है । आत्मविश्वास को बनाये रखना है ।
आत्मविश्वास की कमी के चलते हम अपने आपको तब पीछे खींच लेते हैं, जब आगे बढ़ने की जरूरत होती है, अपने मत के लिए हाथ नहीं उठाते और हिचकिचा जाते हैं, जब जरूरी होता है कि आपको मदद मिले । तब जब हम माँगते हैं मदद, तो किसी न किसी रूप में हमें सहारा, मदद अवश्य मिलती है । हमें अपना आत्मविश्वास बरकरार रखना है ।
बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जिनकी तरक्की देखकर हम चमत्कृत होते हैं और बहुत से ऐसे लोग हैं, जिनकी तरक्की के साथ खड़ी सादगी को देखकर हैरान होते हैं । जो आज मशहूर हैं, शीर्ष पद पर हैं, उनकी राहें भी कम मुश्किल नहीं रही । दुनिया का हर मशहूर इंसान रिश्ते और काम से उसी तरह परिभाषित होता है, जैसे कि हम-आप । तभी ऐसे लोगों से प्रेरणा हांसिल करना वाजिब बैठता है, जो जिए हैं हमारे जैसे हालात में, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी ।
नेल्सन मंडेला, विनोबा भावे, महात्मा गांधी, दलाई लामा आदि कई ऐसे हैं, जिन लोगों की जिंदगी पर नजर डालने से
एक हिम्मत मिलती है, प्रेरणा मिलती है, हौंसला बुलंद होता है और आत्मविश्वास मजबूत होता है ।
ऋतु परिवर्तन हुआ है । हम स्वयं में भी परिवर्तन करें, बदलाव करें । चेंजमेकर्स बनें । राजस्थान पत्रिका ने एक अभियान चलाया है – बदलाव के नायक आगे आएँ, देश के चेंजमेकर्स बनें । इस अभियान को मेरा समर्थन हैं ।
राजनीति में भी अच्छे लोगों को सक्रिय होना चाहिये । अच्छे लोगों की निष्क्रियता देश के लिए बहुत बड़ा नुकसान है और खतरा भी है । अच्छे लोग एक हों, सक्रिय हों । बदलाव लाने के लिए कोशिश करें । जनसमर्थन की परवाह ना करें, वह अपने आप मिलेगा ।
एक खबर साझा करना चाहूँगा – 30 जून, 2018 के आसपास अहमदाबाद में एक युवती ने गैंगरेप की शिकायत दर्ज करवाई गौरव दालमिया के खिलाफ, बाद में सामने आया कि एक ही युवक को पाने के लिए दो युवतियाँ लालायित थी । पीड़िता और आरोपी युवती यामिनी नायर के एक ही युवक गौरव के साथ प्रेम संबंध थे । दोनों लड़कियाँ गौरव के साथ विवाह करना चाहती थी, जिसको लेकर यामिनी और पीड़िता के बीच टकराव हो रहा था, इसलिए यामिनी ने अपने बॉयफ्रेंड को पति बनाने के लिए पीड़िता को दूर करने के लिए गैंगरेप का षड्यंत्र किया ।
आजकल झूठे रेप केस भी बढ़ रहे हैं । महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाये कानूनों का दुरूपयोग हो रहा है, ऐसी घटनाएँ सामने आ रही हैं । अब गैंगरेप की भी झूठी शिकायत दर्ज करके अपने युवा मित्र को अपने पक्ष में करके उसके साथ विवाह करने के लिए रेप की शिकायत दर्ज हुई है ।
20 वर्षों से अहमदाबाद में अखिल भारतीय पत्नी अत्याचार पीड़ित संघ कार्यरत है । पीड़ित पुरूषों की सहायता व
मार्गदर्शन करता है, जिसके अध्यक्ष दशरथ देवड़ा हैं । इसकी वेबसाइट भी है ।
खैर, कानूनों के बल पर समाज को बदला या सुधारा नहीं जा सकता । सजा से बेहतर सुधार है, इस वास्तविकता के साथ हमें यह भी स्वीकार करना होगा कि जेलों में सिर्फ दोषी या अपराधी ही नहीं हैं, बल्कि कई निर्दोष, निरअपराध, बेगुनाह लोग भी लंबे समय से कोर्ट द्वारा दोषी सिद्ध किए बिना जेलों में रहकर अपने समय व जीवन को बर्बाद कर रहे हैं । ये व्यवस्थाएँ बदलनी होंगी, बदलनी चाहिए । बदलना आवश्यक है । अस्तु !!
मेरे पत्र का उत्तर देना चाहें, तो लिखें –
पता :- नारायण साँईं
लाजपोर जेल, सचिन, सूरत ।