दुःख में उद्वेग न हो !
उत्तम दृष्टिकोण धारण करें !
(पूज्य साँईंजी द्वारा विरचित ‘उत्तम दृष्टिकोण’ नामक सत्-साहित्य से संकलित)
दुःख में उद्वेग न हो । सुख में स्पृहा न हो । मान-अपमान में समता रहे । धन-संपत्ति सदा टिकती नहीं है, आने-जानेवाली है । शरीर-मन-समय-संसार परिवर्तनशील है । सर्दी-गर्मी, सुख-दुःख आने-जानेवाले हैं । ये समझकर उत्तम दृष्टिकोण अपनाकर सदा प्रसन्न रहा जा सकता है ।
आजकल लोगों में सहनशक्ति कम होती जा रही है । एक लड़की ने अपने पिताजी से नई ड्रेस माँगी । पिताजी लाना भूल गए, बोले – ‘दो-चार दिन रुक जाओ ।’ वह लड़की आत्महत्या करके मर गई ! पत्नी ने मायके जाना चाहा, पति ने कहा – ‘अभी तो जाकर आई हो, थोड़ा समय बाद जाना ।’ वह पंखे से लटक गई ।
व्यापार में घाटा हुआ, आत्महत्या कर ली । परीक्षा में फेल हुए, आत्महत्या कर ली ! लगता है सारी समस्याएँ आत्महत्या करने से हल हो जाएँगी ! पर ना-ना ऐसा बिल्कुल नहीं है । आत्महत्या कोई निराकरण नहीं है । ये समाधान नहीं है । समस्याएँ आत्महत्या करने से कभी हल हो नहीं सकती । हाँ, उत्तम दृष्टिकोण अपनाने से रास्ता जरूर निकल सकता है, समाधान मिल सकता है, सुकून-शांति मिल सकती है ।
अतः उत्तम दृष्टिकोण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है । लोगों के पास सब कुछ है, पर उत्तम दृष्टिकोण नहीं है और ऐसा नहीं कि सिर्फ अभावों में जीनेवाले ही आत्महत्या करते हैं, अरे ! सुख-संपत्ति-सुविधा में जीनेवाले भी आत्महत्या करते हैं ! अकेलेपन में जीनेवाले तनावग्रस्त हो जाते हैं ।
कई बार अगर उत्तम दृष्टिकोण नहीं है, चिंतन की दिशा ठीक नहीं है, तो अकेलापन भी खतरनाक है और अगर उत्तम दृष्टिकोण है, तो अकेलापन एकांत बन जाता है और एकांत वरदान का काम करता है । कई बड़ी-बड़ी खोजें, अनेकों आविष्कार एकांत में हुए हैं । एकांत के वैभव में वेदों-उपनिषदों का निर्माण हुआ है । एकांत के आनंद को उत्तम दृष्टिकोण युक्त व्यक्ति ही अनुभव कर पाता है, उसकी कीमत समझ पाता है ।
अतः उत्तम दृष्टिकोण अपनाए बिना मानव जीवन को सार्थक बनाने का और कोई उपाय है ही नहीं । मशीनी युग में मनुष्य भी मशीन जैसा बन गया और मशीन कभी भी खराब हो जाती है, मनुष्य भी खराब हो जाता है । कभी भी अधीर-व्याकुल-दुःखी-परेशान हो जाता है, छोटी-छोटी बातों पर ! अतः उत्तम दृष्टिकोण अपनाने, विकसित करने की आवश्यकता है । उत्तम दृष्टिकोण ही उत्तम जीवन बनाने की ताकत रखता है ।तो, उत्तम दृष्टिकोण अपनाइये, महानता के मार्ग पर आगे बढ़िए, हौंसला बुलंद रखिए, अवश्य सफलता मिलेगी !