व्यसनमुक्त होकर स्वस्थ व आयुष्यमान बनिए !!
व्यसनमुक्त होकर स्वस्थ व आयुष्यमान बनिए……
आत्मबल-दृढ़ इच्छाशक्ति जाग्रत करिए
इतिहास इस बात की गवाही देता है कि दुनिया की बड़े में बड़ी विपदा का निवारण आत्मविश्वास और निरन्तर प्रयास से किया जा सकता है । इच्छाशक्ति मनुष्य का बड़े में बड़ा शस्त्र है, बल है । जिस व्यक्ति में आत्मविश्वास नहीं होता वो दूसरों की सहायता की खोज में रहता है ।
ऐसे इंसान को जब कोई सहारा नहीं मिलता तब ध्रूमपान, शराब आदि व्यसन शुरू करता है क्योंकि उसे अल्प समय के लिए कुछ राहत मिलने का एहसास होता है। लेकिन ऐसा करने से मनुष्य अपने ही अंत व भयंकर नुकसान की तरफ तेजी से जाता है और आयुष्य आरोग्य की अपूरणीय क्षति करता है।
हम व्यसन के दुष्चक्र में फंसे हुए हर मनुष्य के भीतर छिपी हुई इच्छाशक्ति व आत्मविश्वास को जाग्रत करना चाहते हैं । इस आत्मबल के सहारे व्यसन की गुलामी से मुक्त होकर मानव स्वस्थ, सुखी, बलवान आयुष्मान बन सकता है। हम विश्व मानव को ऐसा जीवन निर्माण करने के लिए वर्षों से प्रयास रत हैं । जो व्यसनमुक्त होना चाहते हैं उन्हें ‘नशे से सावधान’ पुस्तक अवश्य पड़नी चाहिए और उसमें लिखो बातों को आत्मसात करना चाहिए।