अपने भीतर की शक्तियों को जागृत करें, योगी बनें…
हमें छोटी-छोटी बातों से ऊपर उठने की जरूरत है । मनुष्य को अपनी कमियों और मर्यादाओं को जीवन जीने के लिए अयोग्यता मानने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है । मनुष्य को अगर पंख मिले होते, तो हो सकता है उसने विमान की खोज कभी की ही नहीं होती । ईश्वर ने मनुष्य को बहुत कुछ नहीं दिया है, परंतु इस अपूर्णता में से अनेक विशेषताओं का सृजन करने की संभावना भी मनुष्य के लिए ईश्वर ने खुली रखी है ।
इसलिए अपने भीतर की कमियों, अयोग्यता को देखकर निराश होने की जरूरत नहीं है । संभवतः अभी हमारे अंदर योग्यता नहीं है, परंतु ये योग्यता विकसित अवश्य हो सकती है । हमें इसके लिए अपने आपको तैयार करना है और सच तो यह है कि जो शक्ति हमारे अंदर ही छुपी हुई है, हमें उसे जगाना है । अर्थात् हम दृढ़ता से निश्चय कर लें तो निश्चित रूप से हमारे भीतर की शक्तियाँ जागृत हो सकती हैं ।
Nothing is impossible.
Everything is possible.
कुछ भी असंभव नहीं है, सब कुछ संभव है । छोटी-छोटी बातों को बड़ा रूप दे देने से बहुत से लोग अकारण ही व्याकुल हो जाते हैं । छोटी बातों से चिंताग्रस्त, भयग्रस्त होने की जरूरत नहीं है और घबराने की भी जरूरत नहीं है ।
विवेक बढ़ाना है और हमें धैर्य से काम लेना है… समझे ?
हर आपदा-कठिनाई-मुश्किल को अवसर में तब्दील करने का कौशल अपने भीतर विकसित करें ! ये आजीवन करते रहने का महत्त्वपूर्ण कार्य है ! योगी बनें…! ये कला सीखें !
‘योगः कर्मसु कौशलम्’