गौतम बुद्ध ने क्या मजे की बात कही.. कि कोई आपके कंधे पर हाथ रखे तो तुम्हारी हिम्मत बढ़ जाती है, लेकिन तुम्हारे कंधे पर किसी का हाथ नहीं होता तब तुम स्वयं खुद की शक्ति बन जाते हो ।
यह शक्ति ही इश्वर है।
“अप्प दीपो भव “
खुदका दीया खुद ही बनो। स्वयं को रोशन करो। स्वयं प्रकाशित बनो। उजास हो तुम -ओजस हो तुम। ओजस्वी बनो।
अपने ज्ञान से, प्रेम से आलोकित कर दो जहाँ को ! प्रतिदिन – शांत वातावरण में कुछ देर ही सही-चिन्तन करो – अपने आपका – जानो स्वयं को -अनुभव करो – आपमें असीम, अनंत उर्जा, शक्ति, संभावनाएँ – कालाएँ – क्षमताएँ निहित है।
उसे जागृत करो ! कुछ भी असंभव नहीं है। सब संभव है- आपके लिए ! जो चाहते हो वो मिलेगा। कोशिश जारी रखो। भविष्य उन लोगों का है जो उनके सपनों की सुंदरता में विश्वास रखते हैं। बस, आप किसीकी नकल मत किजीए। आपके जैसा कोई नहीं है। खुद को पहचानिए । अपनी महानता का अनुभव कीजिए !

 

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