पूज्य साँईंजी द्वारा चुने गए बलतासार ग्रासियन (गद्य लेखक व दार्शनिक) के कुछ पठनीय विचार !
गुस्से में कोई काम न करें, वरना गलत ही करेंगे…
जो आज का विज्ञान कह रहा, वही बात 16वीं शताब्दी में बलतासार ग्रासियन ने की थी । वे दार्शनिक थे । उन्होंने कहा था – “दोस्ती जीवन में सुख को बढ़ा देती है और दुःख घटा देती है ।”
उनके कुछ विचार, सूक्तियों को साझा करता हूँ । उनके विचारों की प्रशंसा व लेखन की सराहना शोपेनहावर व नीत्शे ने भी की थी ! उनका जीवनकाल करीब 59 वर्षों का रहा ।
मैं खुश हूँ इस बात से कि मेरे जीवन में विश्वसनीय मित्र हैं । उनकी मित्रता को बरकरार रखने के कारण ही विपरीत परिस्थितियों में भी मेरा हौंसला बुलंद है ।
-पूज्य श्री नारायण साँईं जी
◆ किसी की सेवा करना चाहते हैं, तो उसे खुद की मदद करना सिखाएँ ।
◆ एक लंबे इंतजार के बाद ही अवसर मिलता है ।
◆ जब आप किसी को परामर्श देते हैं तो उसे वह याद दिलाएँ, जो वह भूल गया था ।
◆ गुस्से में कोई काम नहीं करें, क्योंकि तब आप हर काम गलत ही करेंगे ।
◆ दोस्ती जीवन में सुख बढ़ा देती है और दुःख घटा देती है ।
◆ जीवन में एक सच्चा दोस्त मिलना पूंजी है और उसका बने रहना एक आशीर्वाद है ।
◆ किसी बहस में गलत का पक्ष इसलिए न लें कि आपके विरोधी ने सही का पक्ष लिया है ।
◆ इस तरह व्यवहार करें कि कोई आपको देख रहा है ।
◆ किसी भी कार्य को करते हुए उसमें चुटकी भर साहस जरुर मिला लें ।