कुर्सी पर बैठने का क्या है सही तरीका ?
हम में से अधिकांश लोग ऑफिस या अपने वर्कप्लेस पर रोजाना 6 से 8 घंटे तक कुर्सी पर बैठकर काम करते हैं । तो इसका मतलब यह है कि हमारा एक तिहाई दिन केवल बैठे रहने में ही गुजर जाता है । इस तरह लगातार बैठे रहने से लाइफस्टाइल रिलेटेड कई बीमारियाँ होने की आशंका तो बढ़ती ही है, लेकिन अगर हम सही ढंग से नहीं बैठ रहे हैं तो इसका हमारी रीढ़ की हड्डी पर भी बुरा असर पड़ सकता है । पीठ और गर्दन से संबंधित कई तरह की समस्याएँ भी हो सकती हैं ।
अगर आप भी लम्बे समय तक और लगातार कुर्सी पर बैठकर काम करने के जॉब में हैं तो यह जानना बहुत जरूरी है कि पीठ और स्पाइन संबंधी समस्याओं से बचने के लिए आपको क्या करना चाहिए । इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी तो यह है कि कुर्सी पर आपका पोश्चर सही रहे । पोश्चर सही रखने के लिए दाहिनी ओर दिए गए इंफोग्राफिक में सुझाई गई टिप्स को फॉलो करना चाहिए :
● टाइपिंग करते समय हम अपनी बाजुओं (आर्म्स) को करीब 90 डिग्री के कोण पर रखें ।
● पैरों के पंजे जमीन पर अच्छी तरह से जमाएँ । अगर पैर फर्श तक नहीं पहुँच रहे हैं तो सीट की ऊँचाई कम करें या फुट रेस्ट यूज करें ।
● अपने आर्मरेस्ट को इस तरह एडजस्ट करना चाहिए कि कंधे हमेशा रिलेक्स की स्थिति में रहें ।
● पीठ कुर्सी के उस हिस्से को छूनी चाहिए जहाँ सीट और बैक मिलते हैं । पीठ का झुकाव 120 डिग्री से अधिक न हो ।
● घुटने कूल्हों से हल्के से नीचे हों या कम से कम बराबरी पर हों ।
● बैठने के दौरान आपके डेस्क के नीचे इतना स्पेस हो कि आप आसानी से पैरों को स्ट्रेच कर सकें ।
20-20 का नियम अपनाएँ !
लगातार स्क्रीन के सामने बैठे रहने से आँखों पर तनाव बढ़ता है, सिरदर्द और गर्दन की मसल्स में भी दर्द हो सकता है । इसलिए 20-20 का नियम अपनाएँ । इस नियम के अनुसार हर 20 मिनट के बाद 20 सेकण्ड के लिए स्क्रीन से दूर होकर अपनी आँखें बंद कर लीजिए । आँखों को 20 बार झपकाएँ । ऐसा करते समय अपनी गर्दन सीधी रखें । वैसे यह जरूरी नहीं है कि आप इस नियम का 100 फीसदी पालन करें । इस नियम के पीछे मंशा केवल इतनी है कि आप लगातार एक ही पोजिशन में न रहें । उसे बदलते रहें और इसमें यह नियम मदद कर सकता है । आप 20 की जगह 25 या 30 का आंकड़ा भी रख सकते हैं ।
● हर घंटे कुर्सी से दो बार उठने की आदत डालिए । दो-चार मिनट कहीं टहलकर आ जाइए । इसके अलावा जब भी फोन आए तो उठकर या टहलकर बात करने की आदत भी डाल लीजिए ।
● अगर आपका ऑफिस पहले, दूसरे या तीसरे फ्लोर पर है तो यह आपके लिए अच्छा ही है । एक-दो बार सीढ़ियों का इस्तेमाल कर नीचे-ऊपर टहल लीजिए । टहलते समय हल्की स्ट्रेचिंग भी करते रहेंगे तो और भी बेहतर रहेगा ।
● काम के बीच-बीच में कुर्सी पर बैठे-बैठे भी स्ट्रैचिंग करते रहेंगे तो अच्छा रहेगा । खासकर पैरों, बाजुओं और कंधों की हल्की स्ट्रैचिंग लगातार करते रहना चाहिए ।
● बीच-बीच में नियम से पानी पीना भी बहुत जरूरी है । यह आपको हाइड्रेट रखने में तो मदद करेगा ही, फिटनेस संबंधी फायदा यह होगा कि इससे स्क्रीन या फाइलों पर से कुछ समय के लिए नजरें हटेंगी । गर्दन में मूवमेंट होता रहेगा ।
फिटनेस
डॉ. सीमा ग्रोवर
चीफ फिजियोथेरेपिस्ट
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स