गुरुदेव रविन्द्रनाथ टैगोर ने कहा था : "प्रेम का उपहार दिया नहीं जा सकता, वह प्रतिक्षा करता है कि उसे स्वीकार किया जाए !" मेरे ... अनन्त, अक्षुण्ण, अगाध, अप्रतीम, असीम दिव्य प्रेम को आप स्वीकार करें, बस मैं यही चाहता हूँ ! आपके निःस्वार्थ, निष्काम प्रेम को मैंने स्वीकार किया है इसी अनुभव से [...]
देवर्षि नारद जयंती : विश्व के श्रेष्ठ प्रथम पत्रकार / मीडिया रिप्रेसेन्टेटीव सदा चलते रहनेवाले, सबके सुख-दुःख की खबर रखनेवाले ब्रह्मांड के प्रथम पत्रकार देवर्षि नारद के सूत्र नए दौर में मीडिया के लिए ज्यादा प्रासंगिक लगते हैं। यह वक्त जागने का है, स्वयं को बदलने का है, स्वयं को गठने का है । दूसरों [...]
"बुद्धं शरणं गच्छामि । धम्मं शरणं गच्छामि । सत्यं शरणं गच्छामि ।" मैं बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म को अलग कर पाने में कठिनाई महसूस करता हूँ । एक ही सिक्के के दो पहलू है । उन्होंने सत्य को कुछ अलग नजरिये से देखा और वही नजरिया हमें बताया । सत्य ही एक है । [...]
अगर संबंध रखना है तो झगड़ा कैसा? और अगर नहीं रखना है तो फिर झगड़ा कैसा ? चलिए, आइये - इम सारे झगड़ा मिटा दें । विवादों से कब किसको क्या ही मिला है अबतक ? इसलिए संवाद करें... संबंध मजबूत करें ! अच्छे मित्र बनाते चलें, उनसे निभाते चलें... गलतीयाँ होंगी, उसे मिटाते चलें, [...]
रोजमर्रा की सूचना के स्रोत अखबार, टेलीविजन और मीडिया हैं । पर ये सिर्फ सूचना के स्रोत ही नहीं रह गए हैं, बल्कि ये लोगों की सोच और व्यवहार को भी बड़े स्तर पर निर्धारित करते हैं । मीडिया की ताकत को नकारा नहीं जा सकता । हजारों, लाखों, करोड़ों लोगों की मानसिकता को, सोच [...]
दुआएँ तो आँसूओं में खिले हुए फूल हैं.... इसलिए किसीके लिए भी बद्दुआ मत करो, हमेशा दुआऐं करते रहो। मैं आपके लिए, आप मेरे लिए.... दुआ करते रहें, दुआ मांगते रहें ! हम एक-दूसरे के लिए, अमन-चैन के लिए, खैरियत के लिए, तरक्की के लिए दुआऐं करते रहें ! मुझे यकीन है कि ऐसा करते [...]
सच्चा व आखिरी आनंद तभी मिलेगा जब आप आनंद की तलाश करना छोड़ दोगे ! आनंद व आपके बीच इच्छा मात्र का जब त्याग कर दोगे तब आप स्वयं आनंद स्वरूप बन जाओगे ! आप स्वयं जीते-जी चालते -फिरते उठते बैठते आनंद का पुंज बनोगे ! इस आकृति के मध्य में जो काला बिंदु है, [...]
तुम नहीं थे तो कुछ स्वर अधूरे रह गए सावन की काली घटा थी पर खाली झूले रह गए तुम नहीं थे तो कुछ स्वर अधूरे रह गए बह रही पुरवा पवन थी कोयल की कू-कू खिले सुमन थे पर मगर तुमसे प्रणय की इच्छा अधूरी रह गई तुम नहीं थे तो कुछ स्वर अधूरे रह [...]
'End' और 'And' एक ही तरीके से बोला जाता है लेकिन एक में पूरा करने की बात है और दूसरे में जुड़ने की बात है। कोई भी सफलता अंतिम नहीं होती, कोई विफलता जानलेवा नहीं होती, बस, हम कितने आगे बढ़ते रहते हैं - यही मायने रखता है । अवसर - मुसीबतों के बीच ही [...]
ज्ञान पाने की सच्ची विधि प्रयोग है। कुछ नया करने से कभी डरें नहीं । इंसान से सब कुछ छीना जा सकता है- लेकिन एक चीज कभी छीनी नही जा सकती वो है किसी भी परिस्थिति में अपना रुख व मार्ग पसंद करने की ताकत । डटे रहो - बढ़ते रहो ! धैर्य-सातत्य । उत्तम [...]
अपनी सोच को सपनों से भी बड़ा करके देखो ! पुरुषार्थ करो, केवल किस्मत के भरोसे बैठे मत रहो ! अपने आप पर दृढ़ विश्वास करो आप सब कुछ कर सकते हैं । असंभव कुछ नहीं, सब संभव है ! आज हमारे आपके पास जो जितने विकल्प हैं, उतने पहले नहीं थे । जीवन सरक [...]
हर सुबह एक नई शुरुआत है और हर रात एक नए सपने का बीज है। अवसर - मौके होते हैं सूर्योदय जैसे । अगर विलंब किया तो वे हाथ से छूट जाते हैं । अंतः जिंदगी में कई मौके आते हैं, आयेगें- चुके बिना उसे पकड़ें और आगे बढ़ें ।
जिस तकलीफ को प्रसन्नता ठीक नहीं कर सकती, उसे कोई दवा ठीक नहीं करती । अत: हर कठिन से कठिन तकलीफ को अपनी प्रसन्नता से ठीक करें ! प्रसन्न रहना इश्वर की सर्वोपरी भक्ति है । प्रसन्न रहें - हर हाल में ! सारी तकलीफों को कहें - "अलविदा !!" Always Happiness..... जिंदगी है बड़ी [...]
प्राकृतिक रंगों से खेलें होली, मिटायें हजारों रोग... प्राकृतिक रंगो को बनाने की विधी- लाल रंग- सूखा लाल रंग बनाने के लिए लाल गुणहल के फूल का पाउडर आंटे के साथ मिला कर यह रंग बनाया जा सकता है। अगर आपको गीला लाल रंग बनाना हो तो थोड़े से पानी में हल्दी मिला कर उसमें [...]
महिलाएँ... प्रत्येक परिवार जोड़ने का कारक भी बन सकती हैं...राह दिखानेवाली रोशनी भी हो सकती हैं... और कभी टूटी जिंदगीयों को जोड़नेवाली भी हो सकती हैं... आठ मार्च, अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है । मैं आपको नारी शक्ति के कुछ उदाहरण देना चाहता हूँ कि कैसे वे अपनी शक्तियों का सदुपयोग [...]
समय उन लोगों की अवश्य सुनता है जो उसका सही उपयोग करते हैं। वक्त खडाऊ पहनकर तेजी से गुजरता है... कभी वो गैलेक्सी पर पांव रखता है कभी पर्वतों को लांघता है, कभी कायनात को पार करता है। जो बदलता है वक्त के साथ वह तरक्की करता है। अतः समय (वक्त) का महत्व समझें । [...]