सारी निष्ठुरता त्यागकर सब श्वांसो के श्वांस में बसे अद्वेत को अंगीकार कर ऐसा दीप जलाओ अंतर मन में जो अनंत काल तक आपके विचारों और किए गए कार्यों से जगत को रोशन करता रहे।
(Abandon all ruthlessness and embrace Advaita (non-duality) settled in the breaths of all the breath. Ignite such a lamp internally that illuminates the world with your thoughts and actions eternally.)