आप अपने को कभी छोड़ नहीं सकते और पर को कभी रख नहीं सकते जिसको आप छोड़ नहीं सकते हैं उसका नाम है आत्मा-परमात्मा और जिसे आप रख नहीं सकते हैं उसका नाम है माया,प्रकृति,प्रतीति। तो जिसे आप छोड़ नहीं सकते उस का ज्ञान पा लो और जिसे रख नहीं सकते उससे ममता हटा लो, बस फिर आनंद ही आनंद है ।