जब तक चित्त का दृश्य के साथ संबंध है, तब तक कर्मबंधन बना ही रहेगा, अतः दृश्य के साथ संबंध तोड़ो । शुद्ध अद्वैत चिन्मात्र तत्व को प्राप्त करो ।
(Until the Chitta (mind & intellect) is attached to sight, bondage of Karma will persist. Hence, sever your relationship with sight. Attain the pristine consciousness that is free of every duality.)