राजा भगीरथ ने भगवान शंकर की आराधना करके ज्येष्ठ शुक्ल दशमी (गंगा दशहरा) के दिन माँ गंगा को पृथ्वी पर प्रकट किया । इस दिन गंगाजी में गोता मारने से विशेष सात्त्विकता, प्रसन्नता आरोग्य और पुण्यलाभ होता है। अथवा घर पर नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर गंगाजी का स्मरण करके स्नान करने से भी लाभ होता है।

गंगा स्नान का फल
“जो मनुष्य आँवले के फल और तुलसीदल से मिश्रित जल से स्नान करता है, उसे गंगा स्नान का फल मिलता है।” (पद्म पुराण, उत्तर खंड)

गंगा स्नान का मंत्र
गंगा स्नान के लिए रोज हरिद्वार तो जा नहीं सकते, घर में ही गंगा स्नान का पुण्य पाने के लिए एक छोटा सा मंत्र है..
ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा
ये मंत्र बोलते हुए स्नान करें तो गंगा स्नान का लाभ होता है। गंगा दशहरा के दिन इसका लाभ जरुर लें…

TIPS:

1.अगर परिवार के लोगों में नहीं बनती तो रोज सुबह पूरे घर में गंगा जल छिड़के। इससे घर की नेगेटिविटी कम होगी और शांति का माहौल बनेगा।

2.दक्षिणावर्ती शंख में गंगा जल भर कर उससे भगवान विष्णु का अभिषेक करें। इससे भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होगी।

3.परिवार में सुख-समृद्धि चाहते हैं तो पीपल के पेड़ पर रोज गंगा जल चढ़ाएं, क्योंकि पीपल में भगवान विष्णु का वास मना गया है।
दुकान में किसी ने तंत्र प्रयोग किया हो तो पूरी दुकान में गंगा जल छिड़के। इससे उस जगह की नेगेटिविटी खत्म हो जाएगी और व्यवसाय चलने लगेगा।

Comments (2)
Janardhan Singh
June 18, 2024 8:57 am

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Janardhan singh
June 18, 2024 8:59 am

❤🙏❤ Hari om ❤🙏❤

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