इस दिन गाय का पूजन करे, ग्रास देकर परिक्रमा करने से सब प्रकार की अभिष्ट सिद्धि होती है।
देशी गाय के दर्शन एवं स्पर्श से पवित्रता आती है, पापों का नाश होता है। गोधूलि (गाय की चरणरज) कातिलककरनेसेभाग्यकीरेखाएँबदलजातीहैं।
‘स्कंद पुराण‘ में गौ– –माता में सर्व तीर्थों और सभी देवताओं का निवास बताया गया है।