गुरुपूनम कैसे मनाएँ ?
सभी गुरुभाई एवँ गुरुबहनें गुरुपूनम के पावन पर्व पर अपने-अपने घरों में सद्गुरुदेव का विधिवत पूजन अथवा मानसिक पूजन अवश्य करें । ब्रह्ममुहूर्त के भी पहले उठने का प्रयास करें । स्नान करके प्रातः ४ बजे तक साधना में बैठें । कम-से-कम २-३ घंटे तक गुरुदेव का ध्यान करें । उसके बाद सद्गुरुदेव के लिए अपने सामर्थ्य अनुसार भोजन बनाएँ । धूप-दीप, फल-फूल, मोली-रोली, आदि से पूजा की थाली सजाएँ । सद्गुरुदेव के स्वरुप को एक स्वच्छ आसन पर प्रतिष्ठित करें । फिर धूप-दीप जलाकर आरती करें । उसके पश्चात् सद्गुरुदेव को प्रणाम करें एवँ प्रेमपूर्वक भोग अर्पित करें । फिर सभी इस भोग को मिल-बाँटकर प्रसादरूप में ग्रहण करें । पूरे दिन में जब भी साधना का अवसर मिले साधना अवश्य करें । इस दिन आप सभी अधिक से अधिक साधना करें, सत्संग सुनें । यदि कोई आश्रम नजदीक है तो अवश्य जाएँ एवँ सत्संग-सेवा–साधना का सुअवसर प्राप्त करें । आप सभी गुरुप्रेमी भाई-बहनों को गुरुपूर्णिमा महोत्सव की हार्दिक बधाईयाँ ! यह पर्व आपकी गुरुभक्ति, साधना, सेवा को सुदृढ़ व संवर्धित करे यही श्रीसद्गुरु चरणों में प्रार्थना है एवँ आप सभी के लिए शुभकामना है ।