योगं शरणं गच्छामि |
ध्यानं शरणं गच्छामि |
अध्यात्मं शरणं गच्छामि |

“प्रेम देवो भव”

मैं भारत में कश्मीर से कन्याकुमारी तक, और गुजरात से उत्तर पूर्व के सेवन सिस्टर्स राज्यीं तक सभी को प्रेम के बल पर अध्यात्म से जोड़ना चाहता हूँ |
वैश्विक संख्या संयुक्त राष्ट्र से लेकर पेरिस के एफिल टावर, कोलम्बो के समुन्द्र तटों, हेरात के इतावास परिसर, कम्बोडिया के एतिहासिक अंग को खाट और ता फ्रोहम मंदिरों के प्रांगन में तथा पश्चिमी देशों व 47 इस्लामिक देशों व सूदूर पूर्व के ताइवान व जापान सहित के 192 देशों में जिस तरह 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर मनाने लाखों लोगों ने सामूहिक योगासन कीये –
यह प्रारंभ ही दीखता है कि विश्व को अध्यातम तक ले जाने का मेरा सपना साकार होने की दिशा में सफल हो रहा है |
भारत के दिल्ली में राजपथ को योगपथ बनाते हुए एकी साथ 35000 लोगों से अधिक लोगों ने

योग को शिरकत करके विश्व विक्रम का सृजन किया है |
आनेवाला युग योग व अध्यात्म को जीवन में स्वीकार करनेवाला युग होगा | विश्व के 84 देशों ने जिस तरह 21 जून को योग दिवस मनाया है, यह शुरुआत ही सम्पूर्ण विश्व को भारतीय योग व अध्यात्म के लिए आकृष्ट करेगी |

मैं विश्व को जातिवाद, वंश व रंगभेद से मुक्त करना चाहता हूँ | विश्व में अध्यात्म का अलख जगाना चाहता हूँ, यौगिक विचारधारा को विश्व में स्थापित करना चाहता हूँ, और भय, चिंता, तनाव में डूबते मानव को ध्यान व योग से बाहर निकालना चाहता हूँ |

मैं चाहता हूँ कि विश्व के हर देश में जीनेवाला व्यक्ति ध्यान योग को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाये|
शांति व प्रेम के युग की शुरुआत में आप सभी का साथ चाहता हूँ | विश्व का हर कोना कोना – जहाँ भी मनुष्य रहता है वहाँ तक मैं भारत के ध्यान योग को पहुँचाना चाहता हूँ|
मानव कल्याण के लिए अध्यात्म की राह पर अग्रसर विश्व योगमग्न बने यह आवश्यक है |

 

योग के जरिये विश्व को हम जोड़ सकते हैं | बच्चे – बुजुर्ग, विभिन्न भावों विचारों, स्वभावों, जातियों, पंथों, संप्रदायों, के लोगों को योग की ताकत से जोड़ा जा सकता है | विश्व योग दिवस पर दुनिया के अनेकों देशों द्वारा किया गया योगाभ्यास लाखों करोड़ों लोगों को तन – मन के अनेक रोगमुक्ति की दिशा में प्रेरित करेगा व योगाभ्यास को दैनिक जीवन का हिस्सा बनायेगा |

“योग करो, योगी बनों”
विश्व को योगदिवस की शुभकामनायें !

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