जीवदया अभियान
जहाँ मनुष्यता वहाँ प्रभुता…
सनातन संस्कृति में जो भी अवतार या संत हुए हैं, उन सभी ने संसार के आगे हमेशा यही आदर्श रखा है कि, केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि प्राणिमात्र में परमात्मा का निवास है। सभी प्राणी उस परमात्मरूपी धागे में पिरोए हुए मोतियों के समान हैं, किसीका भी स्वतंत्र अस्तित्व नहीं है। प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए पर्यावरण की दृष्टि से हर प्राणी कुछ न कुछ योगदान देता ही है, जैसे बिल्ली चूहों को मारकर चूहों की वृद्धि संतुलित करती है। गाय के गोबर और मूत्र से पर्यावरण शुद्ध होता है। और तो और कोई भी प्राकृतिक आपदा आनेवाली होती है तो पहले पशु-पक्षियों को उसका संकेत मिल जाता है और उनके द्वारा मनुष्यों को भी संकेत मिल जाता हैं ।
तो क्या मनुष्य का यह कर्तव्य नहीं बनता कि वो भी इन मूक प्राणियों की कुछ सेवा करे ? ये मूक और निर्दोष प्राणी अपनी आवश्यकता हमें शब्दों में नहीं बता सकते हैं । अतः जिस तरह हम अपनी भूक-प्यास को मिटाने के लिए सतत प्रयत्नशील रहते हैं, उसी प्रकार उनके लिए उपयुक्त भोजन तथा पानी की व्यवस्था करके उनका पोषण और रक्षण करना हम सभी का कर्त्तव्य बनता है।
अवश्य करने योग्य सेवाएँ सेवा से होनेवाले लाभ –
* गौमाता को रोटी अथवा चारा खिलाएँ सभी देवी देवताओं को खिलाने का अक्षय पुण्य प्राप्त होता है ।
* गौमाता के लिए पानी की व्यवस्था करें वरुणलोक को प्राप्त होता है ।
* चींटीयों को आटा या पंजीरी खिलाएँ मानसिक अशांति दूर होती है ।
* कौवे को खाना खिलाएँ शनि, राहू, केतु प्रसन्न होते हैं ।
* गिलहरी को रोटी/बिस्किट खिलाएँ सब परेशानियों से मुक्ति मिलती है ।
* कुत्ते को रोटी खिलाएँ सभी गृह शांत होते हैं ।
* मछली को आटे की गोलियां खिलाएँ खोई हुई संपत्ति वापस मिलती है ।
* कछुए को खिलाएँ घर में खुशहाली रहती है ।
हमें कुछ मिले इस भाव से नहीं बल्कि मानवता के नाते, नि:स्वार्थ सेवा और परोपकार की भावना से युक्त होकर, अपनी क्षमता के अनुसार पशु-पक्षियों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था अवश्य करें ।
क्योंकि जिस क्षेत्र में पशु-पक्षियों की भूक-प्यास से मौत हो जाती है या जहाँ बड़े पैमाने पर उनका वध होता है, वह पूरा क्षेत्र अभिशप्त हो जाता है । वहाँ प्राकृतिक आपदाएँ, अकाल मृत्यु और भय की स्थितियाँ उत्पन्न हो जाती हैं ।
मानवता से पशुता की ओर जानेवाले इस मानव समाज को जगाने और मानवता का विकास करने के लिए संत श्री नारायण साँई लोकसेवा ट्रस्ट द्वारा सभी को इन सेवाओं के लिए प्रेरित किया जा रहा है जिसमें सभी का सहयोग अपेक्षित है।
मुख्य कार्यालय :- संत श्री नारायण साँई लोकसेवा ट्रस्ट, अहमदाबाद (गुजरात) -380005
संपर्क :- अहमदाबाद कार्यालय- 9375329933
नीचे दी गयी लिंक से फ़्लेक्स डाउनलोड करें और सेवा आरंभ करें !