काव्यांजलि: खुद की खुद में तलाश कर

काव्यांजलि: खुद की खुद में तलाश कर

जानिए…

स्वयं को !

उतरिए अपने भीतर…

देखिए… खुद को…

महसूस कीजिए,

अपने अस्तित्व को,

अपनी क्षमताओं को !

एक चिंगारी में क्या ताकत है…

शायद एक तिल्ली को नहीं पता… !

आपमें भी अनंत, असीम ऊर्जा का भंडार भरा है । 

ये बहिर्मुख होकर नहीं, अंतर्मुख होकर ही पता चलेगा !

खुद के लिए, स्वयं अपने लिए अवश्य समय निकालें, क्योंकि आपकी पहली आवश्यकता आप स्वयं ही है । 

खुद की खुद में तलाश कर, दीया बन या ज्वाला बन ।

ज्ञान अग्नि ऐसी जला दे मेरे यार ! कि पाप-ताप सारे भस्म कर ।।

अज्ञान के अँधेरों में कई जन्म खो दिये ।

अब ज्ञान की ज्वाला से खुद को पवित्र कर ।।

“अप्प दीपो भव”

#me time

प्रतिदिन, कुछ समय ही सही, पर खुद को दें ! 

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