चाहे कहो ब्रह्मचारिणी या स्कंदमाता,
महागौरी या कहो सिद्धिदात्री,
माँ आदिशक्ति के स्वरूप में चरितार्थ
होती है नारी शक्ति ।
नवरात्रि की आराधना में हूबहू प्रतीत है
स्त्रीत्व का शुभ साक्षात्कार !
जिसमें माँ अंबा विभिन्न रूपों में व्याप्त है
सम्पूर्ण सृष्टि में !
हर नर-नारी पूजे शक्ति को,
स्वयं में करें शक्ति का संचार !
सर्व शक्तिस्वरूपा माँ घर-घर में,
रोम-रोम में, कण-कण में व्यापत हैं ।
श्रद्धा – प्रेम – भक्ति – विश्वास
स्वरूपा – माँ को
नवरात्र पर अनंत कोटि नमन !
हम सभी के जीवन में
सुख, शांति, समृद्धि, आनंद
बढ़ता रहे –
नवरात्रि पर माँ से यही प्रार्थना ।
सभी को नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएँ… !
-पूज्य श्री नारायण साँईं जी