देखिये, परिवर्तन को कोई रोक नहीं सकता, यह होना, होना होना ही है! कालचक्र घूमता जा रहा है। अच्छा – बुरा समय सबका होता है। अगर इसे अच्छा समय मानते हैं तो यह भी न रहेगा और बुरा मानते हैं तो ये भी सदा न रहेगा। बदलेगा, परिवर्तन होना, बदलाव होना….यही नियति है यही सच्चाई हैं।