होली उत्सव, रंगोत्सव है, पोंखोत्सव भी है, फाल्गुन, वसंत और होली – तीनों का संगमोत्सव है । दक्षिण भारत में ‘काम दहन’ नाम से मनाई जाती है होली । असत्य पर सत्य के विजय का उत्सव है होली ।
वसंत के रंग-राग की बीच आनेवाली होली, धुलेण्डी के रंग… मौज-मस्ती की बारिश-सी करते हैं… उसके रंगों में सभी को रंगने-रंगाने का जी चाहता है । तय करें, काले रंग को छोड़कर होली मनायेंगे – प्राकृतिक रंगों से ! केसूडे के केसरिया रंग से तन भीगे… मन भीगे भक्ति रंग से !! प्रेम-स्नेह के रंग से !!!
बधाई हो… होली की ।