सुअर के लिए मखमल बिछा दो लेकिन वो कीचड़ में ही जाकर लोटेगा । इसी प्रकृति के कुछ लोग हमसे भी टकरा जाते है । क्या करूँ, उनसे किनारा कर लेता हूँ । उलझने से क्या फायदा ? ऐसा ही तुम्हें भी करना चाहिये । उच्च विचारवालों से मैत्री, कूपमंडूक – संकीर्ण विचारधारावालों से किनारा – उपेक्षा !