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सूरत से पूज्य श्री नारायण साँईं जी का विशेष हस्तलिखित संदेश !

मेरी प्यारी यादें, पावन मंगलमय स्मृतियाँ रह रह कर तुम्हारे दिलों में अंकित होती रहें, मेरी मधुर आवाज की खुशबू – वैदिक मंत्र की ऋचाएँ, प्रार्थना- भजन-संकीर्तन की धूनें- तुम्हें थिरकाती रहें – हृदय में भक्ति रस को जगाती रहें- मेरे सत्संग- प्रवचन तुम्हारा आध्यात्मिक मार्गदर्शन करते रहें व तुम्हारी धार्मिक प्यास को बुझाते रहें, मैं चाहे तन से दूर रहूँ या जगमें मौजूद ना रहूँ शरीर से, उसके बावजूद मैं तुम्हारे जीवनमें ज्ञान-भक्ति प्रेम करुणा व आनंद का अस्तित्व बनकर कायम जिन्दा ही हूँ और रहूँगा। आप ऐसा विश्वास रखना और पीढ़ी दर पीढ़ी मुझसे जुड़े रहना । सुबह दोपहर शाम व रातको सोने से पहले नारायण…. नारायण नारायण जाप करते हुए अपने कार्यों को सफल बनाते रहना । पतित पावन नारायण का नाम तुम्हें सभी पापों से मुक्त करेगा। संकीर्तन – भजन ध्यान सत्संग के माध्यमसे तुम मुझे अपने करीब महसूस करोगे ।

ईश्वर जीते-जी आपको सभी कर्म बंधनों से सदा के लिए मुक्त बनाए । आप ओजस्वी अध्यात्म की वेदान्तिक जीवनशैली को आत्मसात् करके अपना मानव जन्म सफल व सार्थक बनाएँ !
आपका हृदयस्थ
नारायण साँईं ‘ओहम्मो’


खूबसूरत तस्वीर नेगटिव से तैयार होती हैं और वो भी अंधेरे कमरे में, इसलिए जब भी आपके जीवन में अंधकार नजर आये तो समझ लीजियेगा की ईश्वर आपके भविष्य की सुंदर तस्वीर का निर्माण कर रहा है। अतः बिना मायूस हुए कठिन व विकट हालातों के बीच अपना हौंसला बुलंद रखते हुए ईश्वर की कृपा की समीक्षा कीजीए !
हर हाल में खुशहाल रह,
निर्द्वन्द्व चिंताहीन हो ।
मत वैर कर, मत द्वेष कर,
बस अपने आपमें लवलीन हो ।। 

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