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एक खास बात है –
कि लगभग हर मनुष्य स्वयं को अतृप्त, अपरिपूर्ण महसूस करता है ! हर मानव पूर्ण तृप्ति, पूर्ण संतुष्टि चाहता है परंतु उसे लाख कोशिशें करने के बावजूद भी तृप्ति , संतुष्टि मिलती नहीं है ! क्यों ? क्योंकि सही मार्ग से बेखबर है ! गुजरात के पोरबंदर में एक निलेश मेहता तहसीलदार हैं वे पुरुष में से स्त्री बने, सेक्स चेंज करवाया अब उनका नाम बिजल है ।
तो एक लड़की, जिसका नाम खुशबु – अपने लड़की होने से नाखुश थी, सर्जरी करवाई – 5-10 लाख खर्च हुआ, अब वो आदित्य है ।
हॉर्मोन ट्रीटमेंट और सर्जरी करवाने से – अब पुरुष, स्त्री हो सकता है और स्त्री, पुरुष बन सकती है । विज्ञान के विकास से असंभव संभव हुआ है ! अच्छा है । परंतु – जो हम हैं, उसके प्रति हमें अतृप्ति, असंतुष्टि है – और हम तृप्त होना, संतुष्ट होना चाहते हैं । कोशिश भी करते हैं- करनी भी चाहिए !
परंतु पूर्ण तृप्ति, पूर्ण संतुष्टि तब होगी जब हम योगी बनेंगे ! गीता ने कहा – ” संतुष्ट: सततं योगी ”
योगी ही निरंतर संतुष्ट, तृप्त रह सकता है। जो जितात्मा है ! स्पृहा से रहित है । भोगी अतृप्त, असंतुष्ट रहेगा चाहे कितना ही भोग क्यों ना भोग ले ! अतः पूर्ण तृप्त, संतुष्ट होने के लिए योगी बनो ! याद रहे – सिर्फ आसन, कसरत, व्यायाम ही योग नहीं है । योग बहुत ऊँची अवस्था है !
लिंग के आगे जीत…
पोरबंदर के मामलतदार निलेश मेहता ने लिंग बदलवाकर बिजल बने तो वहीं सर्जरी के बाद खुशबू का नाम हुआ आदित्य ।
सर्जरी का खर्च 5 से 10 लाख होता है, हार्मोन ट्रीटमेंट से शुरुआत की जाती है ।
पोरबंदर के राणावत शहर में मामलतदार के रूप में नौकरी करने वाले 33 वर्षीय निलेश कुमार मेहता बचपन से ही लिंग / डायफरिया के शिकार थे और स्वयं स्त्री होने के लक्षण की अनुभूति करते थे लेकिन इस बारे में उनको कुछ और समझ में आता उसके पहले सामाजिक रीति-रिवाज के अनुसार पुरुष होने के नाते एक स्त्री से शादी कर ली और एक पुत्री का जन्म भी हुआ । परंतु स्त्री होने की अनुभूति के कारण शादीशुदा जिंदगी बिगड़ गई और अलग हो गए ।
फिर उन्होंने स्त्री बनने का निर्णय निर्णय कर लिया और जिला मजिस्ट्रेट के पास जाकर ट्रांसजेंडर एक्ट 2019 के अंतर्गत मंजूरी ली और अपना लिंग बदलने की ट्रीटमेंट शुरू कर दी है । फिलहाल उनकी हार्मोन ट्रीटमेंट चल रही है और आने वाले समय में वे पुरुष के प्रजनन अवयव के स्थान पर कृत्रिम स्त्री का प्रजनन अवयव लगाने की सर्जरी कराएंगे ।
दूसरा किस्सा पोरबंदर के ही 29 वर्षीय खुशबू कक्कड़ का है । 6 वर्ष की उम्र से स्वयं लड़की होने के बाद भी लड़का हो ऐसी अनुभूति उसे होने लगी । जिसके कारण 13 वर्ष की उम्र हुई तब उसने मन ही मन निर्धारित कर लिया कि उसे लड़की में से लड़का बन जाना है और पिछले वर्ष उसने भी वहीवटी तंत्र के पास से मंजूरी ली । अब वो खुशबू में से आदित्य नाम का युवक बन चुकी है । खुशबू को युवक बनना था और इसके लिए इसने पिछले 27 अक्टूबर 2020 को पहली सर्जरी कराई । 1,30,000 रूपये खर्च करके हुई इस प्रथम सर्जरी में युवती के चेस्ट का ऑपरेशन करके युवक जैसा बदला गया था और उसके बाद उसकी भी हार्मोन ट्रीटमेंट चल रही है और आने वाले समय में उसके स्त्री के प्रजनन अवयव में से कृत्रिम पुरूष के प्रजनन अवयव में बदलने की सर्जरी की जाएगी । युवती में से युवक बना हुआ यह व्यक्ति कुंवारा है और अब ये आगे का जीवन एक पुरुष के रूप में बिताना चाहता है ।
पुरुष में से स्त्री बनना हो या स्त्री में से पुरुष बनना हो तो इसका खर्च 5 से 10 लाख होता है और इस प्रकार की सर्जरी दिल्ली में होगी यह इन दोनों व्यक्तियों ने बताया । लिंग बदलने के लिए सर्जरी के पहले हॉर्मोन ट्रीटमेंट लेनी पड़ती है । हॉर्मोन ट्रीटमेंट शुरू होने के साथ ही आवाज बदल जाती है और दाढ़ी – मूंछ के बाल आने लगते हैं । जबकि पुरुष में से स्त्री बनने के लिए हॉर्मोन ट्रीटमेंट शुरू होने के साथ ही पुरुष के चेहरे का दिखाव बदलने लगता है और पुरुष की छाती का भाग स्त्री की छाती सा बदलने लगता है ।
Source: Divya Bhaskar, 13/11/2021, Page 2