शरद पूर्णिमा की खीर : एक अमृतमय औषधि !
शरद पूर्णिमा की शीतल रात्रि में छत पर चंद्रमा की किरणों में महीन कपडे. से ढक कर रखी हुई खीर अवश्य खानी चाहीए। भरपेट ना खाएं रात होने के कारण कम खाएं, सावधानी बरतें। यह चंद्रमा की किरणों में ढाई-तीन घंटे (९-१२ बजे) रखी हुई खीर पित्तशामक, शीतल व सात्विक होने के साथ वर्षभर प्रसन्नता और आरोग्यता में सहायक होती है। रात को खीर बनाकर
उसमें निहारते हुए इस विशेष मंत्र का जप करें – अच्युतानन्त गोविन्द नामोच्चारण भेषजात। नश्यन्ति सकला रोगः सत्यं सत्यं वदाम्यहम।।