राम को दुश्मन मान के भी राम का नाम लेने वाला तर सकता है । फिसलते हुए, छींकते हुए, जम्हाई लेते हुए, खाँसते हुए भी अगर भगवान का नाम लिया जाए तो मंगलकर्ता है । तो जो उत्साह से, प्रेम से और श्रद्धा से लेगा उसका परम मंगल हो जाएगा इसमें कोई आश्चर्य नहीं है, लेकिन ले तब । जय रामजी की… !