वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे पर ओजस्वी अध्यात्मा के प्रणेता नारायण साँईं जी का प्रेरक जीवन सूत्र…
पत्थर नहीं है जो मूर्ति न बन सकें, ऐसा कोई मानव नहीं है जो महान ना बन सके लेकिन ठीक से संयोजन होना दुर्लभ है ।
“संयोजक: दुर्लभ: ।”
इसलिए हे मेरे आत्मन !
हिम्मत रखिए और अपने जीवन को दिव्य बनाने का प्रयास करिए !