प्रसंग कथा : आज की विश्व की अजूबी घटना !
आज की विश्व की अजूबी घटना: जिसमें न कोई गुरु है, न कोई संस्था, न कोई फीस, और न कोई संप्रदाय चिंग हाई के जीवन का आदर्श परम ज्ञान की खोज और उसकी प्राप्ति था । इसके लिए ब्रह्मचर्य का पालन आवश्यक लगा । उनकी इस बात को उनके पति ने सहर्ष स्वीकार कर लिया […]
विश्व में पहुँचा तनाव हो – युद्ध हो – हिंसा हो – उसे रोकने थामने, बंद कराने के हर संभव प्रयास हमें करने ही चाहिए !
किसी भी तरह हमें विश्व में युद्ध को रोकना होगा । युद्ध टलना चाहिए । टालना चाहिए । विश्व में युद्ध चाहे कहीं भी हो मानव परेशान होता है । मानवों की हिंसा होती है । हम एक मानव है – हमें मानवता की रक्षा के लिए उन मानव का हमेशा साथ व सहयोग देना […]
नवरात्रि विशेष : नवरात्रि पर माँ से प्रार्थना !
चाहे कहो ब्रह्मचारिणी या स्कंदमाता, महागौरी या कहो सिद्धिदात्री, माँ आदिशक्ति के स्वरूप में चरितार्थ होती है नारी शक्ति । नवरात्रि की आराधना में हूबहू प्रतीत है स्त्रीत्व का शुभ साक्षात्कार ! जिसमें माँ अंबा विभिन्न रूपों में व्याप्त है सम्पूर्ण सृष्टि में ! हर नर-नारी पूजे शक्ति को, स्वयं में करें शक्ति का संचार [...]नवरात्रि विशेष : निर्भयता के गुण को समझने की आवश्यकता है !
निर्भयता के गुण को समझने की आवश्यकता है ! दो अक्टूबर को सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी बापू का जन्मदिन है । अगले दिन से सबसे बड़े हिंदू त्योहार, नवरात्रि की शुरुआत होती है । शक्ति पूजा शुरू होगी. साधना पर्व का उदय होगा । समय के साथ-साथ नवरात्रि का उत्सव भी दो [...]शक्ति की आराधना का पर्व नवरात्रि !
शक्ति की आराधना का पर्व नवरात्रि समस्त ब्रह्मांड में मोक्षलोक भूलोक माना गया है और भूलोक में भारत वर्ष, भारत वर्ष में भी सनातन धर्म । सनातन धर्म में छ रूपों में परमेश्वर की आराधना-उपासना होती है । जगद्गुरु आद्य शंकराचार्य के अनुसार शिव, शक्ति, गणेश, सूर्य, विष्णु तथा निराकार ब्रह्म । वेद, पुराण, रामायण, [...]श्राद्ध पक्ष में पितरों को याद करने की अनूठी परंपरा के साथ क्रोध त्यागने की सलाह
श्राद्ध पक्ष का विशेष महत्व...श्राद्ध में पोते-पोती को भोजन कराने से मिलता है विशेष लाभ ! हिंदू धर्म में भादव वद एकम से शुरू होकर अमावस तक चलने वाले पंद्रह दिनों को श्राद्ध पक्ष माना जाता है और श्राद्ध पक्ष का महत्व हर जगह देखा जाता है, खासकर इन दिनों में मानव जीवन शैली और [...]पितृदोष दूर करने के लिए TIPS
पितृदोष निवारण के उपाय मनीषियों का मत है कि पूर्व जन्म के पापों के कारण या पिता के श्राप के कारण जातक की जन्म कुंडली में यह दोष प्रकट होता है । अत: पितृसत्ता में शास्त्रोक्त अनुष्ठानों के माध्यम से इसका निवारण किया जा सकता है । इसके अलावा कुछ सामान्य उपाय इस प्रकार हैं [...]पितृदोष दूर करने के लिए जरूरी हैं ये उपाय…
पितृदोष दूर करने के लिए जरूरी हैं ये उपाय सूर्य ग्रह को पिता तुल्य माना गया है । जबकि राहु एक छाया ग्रह है । जब यह सूर्य से मिल जाता है तो सूर्य को ग्रहण लग जाता है । इसी प्रकार, जब जन्म कुंडली में सूर्य-चंद्र और राहु एक घर या स्थान में युति [...]विकास के नाम पर देश-दुनिया का विनाश करना बंद करो !
हम विकास की ओर नहीं, अपितु विनाश की ओर जा रहे हैं । विकास के नाम पर देश-दुनिया का विनाश करना बंद करो, बंद करो । - पूज्य श्री नारायण साँईं जी ग्लोबल रैंकिंग : भारत सबसे बड़ा प्लास्टिक प्रदूषक, 93 करोड़ टन कचरा हर साल नई दिल्ली. सरकारों की उदासीनता और आम आदमी में [...]श्राद्ध पक्ष
श्रद्धा और मंत्र के मेल से पितरों की तृप्ति के निमित्त जो विधि होती है उसे 'श्राद्ध' कहते हैं। हमारे जिन संबंधियों का देहावसान हो गया है, जिनको दूसरा शरीर नहीं मिला है वे पितृलोक में अथवा इधर-उधर विचरण करते हैं, उनके लिए पिण्डदान किया जाता है। विचारशील पुरुष को चाहिए कि जिस दिन श्राद्ध करना हो [...]राधाष्टमी : कौन हैं राधा ?
हर वर्ष भादो मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को राधाष्टमी के रुपमें मनाया जाता है । यह दिन विशेषकर 'राधा' के स्मरण-चिन्तन का दिन है व बड़ा प्रेरक दिवस है । श्रीमद् भागवत में वर्णित 'रासलीला' में राधा का संकेत मिलता है । 'राधा' का चरित्र - उनकी विशेषता - का वर्णन कर पुराणों [...]राधाष्टमी पर चार दिवसीय अनुष्ठान को मिल पूज्य साँईं जी का समर्थन
राधाष्टमी पर चार दिवसीय अनुष्ठान 8 से, 151 वेदपाठी करेंगे महारुद्राभिषेक महारथी मारुति सेवा सदन आश्रम के अंतर्गत क्षेत्र के सेलवी गांव के पास स्थित सिद्धपीठ कदली वन धाम हनुमान मंदिर परिसर में राधाष्टमी के मौके पर चार दिवसीय कार्यक्रमों की शुरुआत 8 सितंबर से होगी। महारथी मारुति सेवा सदन आश्रम के अंतर्गत क्षेत्र के [...]- September 10, 2024
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