भगवान महावीर ने जिसका आचरण किया, श्रीमद् राजचंद्र ने जिसका प्रबोधन किया और महात्मा गांधी ने जिसे कार्यान्वित किया, मैं उसी अहिंसा के मार्ग का पथिक बनकर सत्य का प्रयोग करने के लिए स्वयं को तैयार कर रहा हूँ | मेरे मन का राज ही स्वराज है | स्वराज के लिए सत्याग्रह करूँगा | आपको भी इस अहिंसा के मार्ग का पथिक बनने के लिए मैं सादर आमंत्रित करता हूँ | आइये, हम सत्य व अहिंसा के साथ मानवमात्र के हित के लिए करुणा का भाव हृदय में संजोये हुए स्वयं को तैयार करें स्वराज के लिए ! क्योंकि स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है | नया भारत बनाने के लिए अब एक विशाल क्रांति की आवश्यकता है | स्वराज के लिए आंदोलन… स्वराज के लिए सत्याग्रह… मेरे सपनों का राज्य, मेरे मन के मुताबिक का मेरा देश हो… विश्व में सबसे बेहतर, सबसे सुंदर, सबसे अनोखा, सबसे निराला ! ऐसे भारत देश के निर्माण के लिए, आओ – जुट जाएँ ! संकल्प करें, ओजस्वी अभिनव भारत के नव निर्माण का !