शिव मोटिवेटर हैं, लीडर है, महादेव हैं | और वह महानता के बीज हम सबमें भी सुषुप्तावस्था में पड़े हैं | हर हर महादेव बोलते बोलते ये भी समझ है कि हर हर महादेव | सभी में शिव हैं – किसी का बुरा मत करो | किसी का अहित मत करो | जीव और शिव में बहुत ज्यादा फर्क नहीं है | अज्ञानावस्था में जीव दुःख, पीड़ा, कष्ट पाता है और पूर्ण बोधावस्था में जहर – निंदा – अपमान – तिरस्कार – पीड़ा – कष्ट – तकलीफ – आपदाएं – ये विष भी उसका कुछ बिगाड़ नहीं पाता !