भगवान पर श्रद्धा और विश्वास रखें क्योंकि वे सर्वशक्तिमान है। उनके लिए कुछ भी असंभव नहीं था, न है, न हो सकता है। आप की जटिल से जटिल और कठिन से कठिन समस्याओं को भी पल भर में हल कर सकते हैं।
कोई भी कार्य करने के लिए शक्ति की आवश्यकता है । आप साहसी बनिए । धर्म के नाते, अध्यात्म के नाते, चरित्र के नाते अपने आपको बलवान बनाइये । आज दुनिया को वीरों की जरूरत है । जो कमजोर है वह कुचल दिया जाता है ।
बीत गया सो बीत गया- जो सबंध बनाने से बनता है वह कभी टूट भी सकता है। जो सबंध पहले से हैं, बनाया नहीं गया वही सबंध कायम रहता है। वह मिटाए मिट नहीं सकता। जीव और शिव का सबंध आत्मा और परमात्मा का सबंध, गुरु और शिष्य का सबंध, भक्त और भगवान का सबंध [...]
भगवान की ओर से मिल रहे सुख का हम धन्यवाद दें उससे पहले ही वे और ज्यादा करुणा कृपा बरसा देते हैं कैसी करुणा है भगवान की ! धन्य है, धन्य है!! ऐसे जगत्पति जगदीश्वर की जय जयकार हो !!!
मुसीबतें,तकलीफें,वेदना और दुख हमें तब तक निकट और विकट लगते हैं जब तक हम भगवान के और भगवान हमारे निकट नहीं है । भगवान के और हमारे निकट आते ही उन सब का टिकना विकट हो जाता है ।
भगवान के पवित्र नाम और गुणों का खूब प्रेम से स्मरण और कीर्तन करो, आपका कलुषित हृदय पवित्र और रसमय होता जायेगा । शिशु की भाँति सरल, सहज और निर्दोष हो जाओगे ।
भक्ति की जितनी चर्चा हो उतना ही हमारा मंगल है । क्योंकि भगवत्प्रेम की प्राप्ति के लिये भक्ति ही सर्वप्रधान साधन है और साध्यरूप में भी वही भगवत्प्रेम है ।
विघ्न, बाधा, मुसीबत, निंदा से न डरेंगे, न हारेंगे । अगर सब कुछ हमारे विरुद्ध जा रहा है तो सोचो कि हवाई जहाज हमेशा हवा के विरुद्ध ही उड़ता है । दैवी कार्यों को पूर्ण करने के लक्ष्य को लेकर हमें चलते रहना है ।
महान व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं को भीतर ढूंढते हैं,जबकि कमजोर उन्हें पाने के लिए पराधीनता का आश्रय लेते हैं । सत्य,ज्ञान, प्रेम,आनंद और ईश्वर जिसको भी मिला है भीतर मिला है। सद्गुरु स्वरूप का ज्ञान देकर जीव को शिवत्व में प्रतिष्ठित कर देते हैं, तब मिलता है आनंद निज स्वरूप का, ब्राह्मी स्थिति प्राप्त कर...