पूज्य श्री नारायण साँईं जी ने दिनांक ७ दिसम्बर २०२० को उनकी कुल देवी माँ - अहमदाबाद स्थित माता हिंगलाज देवी मंदिर के दर्शन किए । (पूरा पता - सूरजीत सोसायटी, ठक्कर बापा नगर, इंडिया कॉलोनी, अहमदाबाद, गुजरात - 382345) आइए जानते हैं हिंगलाज माता के बारे में : पौराणिक कथा के अनुसार सती के [...]
शरद पूनम, जब भी आती है, मन के देवता चन्द्र देव सहज ही याद आते हैं... उनकी शीतल किरणों में स्नान करके आल्हादित होने व अपलक पूर्ण चंद्रमा को देखते हुए न सिर्फ मन हर्षित व प्रसन्न करते हैं हम, बल्कि चंद्रमा का ध्यान करते हुए मन को कृष्ण युग में ले जाकर महारास की [...]
जयप्रकाश नारायण ने अपने जीवन के अनुभव का एक निचोड़ बताया है कि "अगर हमें अच्छा आदमी बनना है, दूसरों के मंगल के लिए स्वयं अपने कर्तव्य का निर्वाह करना है तो हमें आध्यात्मिक होना होगा । भौतिकता दूसरों के भले के लिए त्याग करने की प्रेरणा देने में असमर्थ है । उसका पूरा ध्यान [...]
जीवन में उन्नति पाने की इच्छा आपके अंदर ही लहलहा रही है...! अपने चारों ओर स्वयं आपने ही जो जाल बुने हैं उनसे छुटकारा पाइये - तभी असली उन्नति होगी । साहस, घोर परिश्रम, संपूर्ण ध्यान और सभी क्षमताओं का उपयोग करते हुए उत्साहपूर्वक परिश्रम करके देखिए ! सफलता आपके कदम चूमेगी । हार से [...]
"यह भी गुजर जायेगा....." जब, अनुकूलता - सुख-सुविधा में फिसल जाएँ हम, और - जब, प्रतिकूलता - दुख-संकट में घिर जाएँ हम, तब - अपने आपको आश्वासन दीजिए, ढांढस बंधाइये व धैर्य के साथ - शांति से, मन को समभाव में लाते हुए समझाइये - सोचिए कि - "हाँ, यह भी तो गुजर ही जायेगा [...]
खुशहाल जिंदगी के समर्थक – श्री गणेश - नारायण साँईं 'श्री गणेशाय नमः' के साथ गणपति गजानन बप्पा का मंगलमय स्मरण करते हुए विश्व के तमाम मनुष्यों को गणेश उत्सव के अवसर पर मैं हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ प्रदान करता हूँ । भारत में करीब 70-75 साल पहले स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान बाल गंगाधर तिलक [...]
कैसा हो आपका व्यवहार ? (दिव्य सत्संग) - पूज्य श्री नारायण साँईं जी सबमें भगवान है ये अपनी एक दृष्टि है । व्यवहार अनेक के साथ होता है लेकिन उस व्यवहार में भेद है, तत्व में कोई भेद नहीं है । जय रामजी बोलना पड़ेगा । तत्व सबमें समान, सबमें एकरस है । एक उदाहरण [...]
पाने से अधिक देने में आनंद है । वस्तुओं के लाभ से ही आनंद मिलता है उस उसूल के साथ जो लोग जीवन बिताते हैं, उन्हें एक हजार अच्छाईयों के बाद एकाध संकट आ जाए तो उनके लिए दुःखपूर्ण बन जाता है। मैं चाहता हूँ हम एक ऐसे आनंद को प्राप्त करें जो हर हाल [...]
नृत्य सिर्फ कला ही नहीं , स्वस्थ रहने का जरिया भी है... - पूज्य श्री नारायण साँईं नृत्य हमेशा से मानव संस्कृति और समारोहों का एक अहम हिस्सा रहा है | हर साल २९ अप्रैल को अन्तर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस मनाया जाता है | यूनेस्को के थियेटर इंस्टिट्यूट की डांस कमिटी ने इस दिन को रिफोर्मर [...]
अनंत सुख... अनंत आनंद... अनंत मस्ती... अनंत पुण्यलाभ... आत्मज्ञान से पाइये ! अपने आपको पहचानिये ; खुद से सवाल कीजिए 'मैं कौन हूँ ?' कहाँ से आए ? कहाँ है जाना ? क्या है करना ? कर क्या रहे ? क्या ये ठीक है ? लक्ष्य है क्या ? इन सवालों के सही जवाब जीवन [...]
मौन में संवाद ! मौन से जो होता संवाद वैसा भाषा से कहाँ होता है ? अर्थहीन तो बहुत कुछ होता दिनभर पर है जो महत्वपूर्ण, वो कहाँ होता है ? मंदिर तो हर घर में होगा लेकिन दिल से प्रभु की पूजा क्या होती है ? प्रयोग होते हैं सत्य के, लेकिन असत्य अलविदा [...]
स्वयं को पहचानो मैं चाहता हूँ कि आप भी स्वयं से सवाल करते रहें कि मैं कौन हूँ ? मैं क्या हूँ ? यकीन मानिये, स्वयं को पहचानने का द्वार स्वयं से ही खुलेगा । आखिर कब तक हम सभी दूसरे की बताई, समझाई, थोपी हुई पहचान से जीते रहेंगे ! स्वयं के भीतरी द्वार [...]
एकांत की तलाश क्या वो समय कभी आएगा जब मनुष्य जीने के अधिकार पर कायम रहेगा और दिन की चमकदार रोशनी और रात की शांतिपूर्ण खामोशी के साथ खुशी मनाएगा । क्या आएगा कभी ऐसा समय ? क्या वह सपना हकीकत बन सकेगा कभी ? कि धरती के इंसान ही मांस से ढक जाने के [...]
साँईं की कलम से...महाशिवरात्रि विशेष अक्का महादेवी की पुण्यमय कथा ! अक्का महादेवी को भगवान शंकर की मानस पत्नी तथा दक्षिण भारत की दूसरी पार्वती कहा जाता है । अक्का महादेवी कर्नाटक राज्य के उड़ूतड़ी गाँव में निवास करनेवाली एक उच्च कोटि की महिला संत थीं, जिनका जन्म सन्-1130 के आसपास माना जाता है । [...]
नारायण साँईं का 2019 में पाँचवा संदेश "दिल की बात, अपनों के साथ" कहानी बनके जिये हम तो इस जमाने में लगेंगी आपको सदियाँ हमें भुलाने में । न जिनको पीना भी आये न पिलाना आए शरीफ़ ऐसे भी आ बैठे हैं मैखाने में । गरीब क्यों न रहे देश की सारी बस्ती है [...]
माघी पूर्णिमा संदेश - #2MinuteChallenge (दो मिनट चैलेंज ) आप मुझे दीजिए 24 घंटों में से केवल 2 मिनट ! हररोज सुबह 11:10 से 11:12 बजे तक । सुबह के 2 मिनट आप आध्यात्मिक जुड़ाव को महसूस करें ! आध्यात्मिक शक्ति से ओतप्रोत बनिये ! प्रतिदिन ठीक इसी समय पर एक मिनट के लिए शांत [...]