जीवन में उन्नति पाने की इच्छा आपके अंदर ही लहलहा रही है…! अपने चारों ओर स्वयं आपने ही जो जाल बुने हैं उनसे छुटकारा पाइये – तभी असली उन्नति होगी ।
साहस, घोर परिश्रम, संपूर्ण ध्यान और सभी क्षमताओं का उपयोग करते हुए उत्साहपूर्वक परिश्रम करके देखिए ! सफलता आपके कदम चूमेगी ।
हार से पस्त होकत वहीं स्तंभित रहोगे – आखिर कब तक ? अनंत शक्तियाँ छुपी है आपके अंदर, जगाइये !
CONFIDENCE…
– पूज्य श्री नारायण साँईं जी