पूज्य श्री नारायण साँईं जी का गीता जयंती २०१९ निमित्त पावन संदेश !
गीता की महिमा अद्भुत है – विश्वभर में भगवद्गीता की कई धर्मों के विद्वानों व धर्मगुरुओं ने इसकी प्रशंसा, महिमा व समर्थन किया है । ये इंटरनेट से भी google से भी बहुत कुछ निकल सकता है । भारतीय संस्कृति विश्व की पुरानी संस्कृति – बाकी की पुरानी संस्कृतियों में मिस्र, चीन, इजिप्त की संस्कृतियां हैं । श्रीकृष्ण द्वारा गाई गीता सिर्फ हिन्दुओं के लिए नहीं हैं – सर्वभौमिक है – ऐसी गीता का वर्षों से प्रचार-प्रसार का कार्य हम करते आ रहे हैं । विश्व की सभी समस्याओं का समाधान गीता के जरिए हो सकता है । सर्वभूतहितेरतः की बात इसमें है । ग्लोबल वार्मिंग, आतंकवाद जैसी वैश्विक समस्याओं का ठोस समाधान भी सर्वभूतहितेरतः के सिद्धांत को अमल में लाने से हो सकता है । ऐसी महान गीता की हर साल जयंती मनाई जाती है । विश्व में किसी किताब-ग्रंथ की जयंती मनाई जाती हो तो वो भगवद्गीता है । संसद की दीवारों पर भी वसुधैव कुटुंबकम् का श्लोक लिखा हुआ है कि समस्त विश्व ही मेरा परिवार है ।
तो देश और दुनिया में फैले मेरे परिवार से मिलना-जुलना और मानवमात्र के कल्याण के लिए गीता के सिद्धांतों को फैलाना ये मेरा संकल्प है और इस संकल्प की पूर्ति जेल में रहकर हो पाना नामुमकिन है । इसलिए पैरोल/जमानत दिया जाना आवश्यक है ।