क्या आप चाहते हो मुझको ?

क्या करते हो मुझसे दिव्य प्रेम ? अगर हाँ, तो हमारा आत्मीय स्नेह संबंध बरकरार रहने की मैं उम्मीद करता हूँ ।
मैं चाहता हूँ हमारी एकता और अखंडितता दिनोंदिन मजबूत बनती रहे । हमें खंडित करने के सारे उपाय विफल होते रहें । हमें बिखेरने के सारे बदइरादे नाकाम हों । हमारा स्नेह, हमारा संगठन, हमारे स्नेही, हमारे हितैषी, हमारे मित्र बढ़ते रहें ।
एकता से ही हमारा अस्तित्व बरकरार रहता है और विभाजन से हमारा पतन होता है । हम पतन नहीं, उत्थान की ओर आगे बढ़ें ! हम ऊँचे लक्ष्य की तरफ एकत्व का शंखनाद करते हुए आगे बढ़ें । दुनिया की कोई भी ताकत हमारी एकता को भंग न करने पाये ! विभाजनकारी व्यक्तियों को हम पहचानें और उनके षड्यंत्रों को विफल बनायें !
हम परस्पर एक-दूसरे के परम हितैषी बनें, जीवन को सफल – सार्थक बनाने के उपाय करें । निःस्वार्थ, निष्काम प्रेम की धारा बहाऐं । हमारा आत्मीय स्नेह संबंध देश की सीमाओं से पार करते हुए अबाध रूप से जारी रहे और बढ़ता रहे… 2020 की शुरुआत में आइये, ऐसा संकल्प करें ।
– नारायण साँईं
1 जनवरी, 2020

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