इंटरनेट और आधुनिक टेक्नोलॉजी – बीमारियों को न्योता
इंटरनेट और आधुनिक टेक्नोलॉजी का जो लोग अत्यधिक इस्तेमाल करते हैं उनको कई तरह की बीमारियाँ हो सकती हैं । जैसे कि सेल्फाटाइस, फैंटम रिंगिंग, सिन्ड्रोम, नोमोफोबिया, साइबर कोंड्रिया, हिकी कोमोरी व ऐसी कई बीमारियाँ । ये बीमारियाँ तेजी से पैर फैलाती जा रही है शायद आप भले ही न जानते हों लेकिन इन बीमारियों का मुख्य कारण इंटरनेट और टेक्नोलॉजी है ।
याद रखें – अपनी प्रगति और विकास के लिए जितना ज्यादा आप टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं, उतना ही उसका विपरीत असर आपके स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है । देश-विदेश में कई शोधकर्ताओं ने ऐसी कई मानसिक बीमारियों का पता लगाया है जिसकी वजह इंटरनेट और टेक्नोलॉजी का अत्यधिक इस्तेमाल है ।
10 में से 9 लोग फैंटम वाइब्रेशन सिन्ड्रोम की समस्या से ग्रस्त हैं । इसमें यह भ्रम होता है कि जेब या बैग में पड़ा मोबाइल वाइब्रेट हो रहा है । बार-बार फोन चेक करना, कॉल कनेक्ट न होने पर बैचेनी महसूस करना नोमोफोबिया है ।
वाई-फाई और अन्य वायरलेस कम्युनिकेशन के साधनों के सिग्नल्स के घेरे में 24 घंटे जो रहते हैं वे लोग इनसे निकलनेवाले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड के लगातार संपर्क में रहते हैं जिससे वे विभिन्न बीमारियों को न्यौता देते हैं – सिरदर्द, त्वचा में जलन, मसल्स में दर्द जैसे लक्षण खासतौर पर देखने को मिलते हैं । इलेक्ट्रोमैग्नेटिक हाईपरसेंसिटिव आरोग्य के लिए खतरा है । इन बीमारियों से बचने के लिए नींद के समय मोबाइल स्विच ऑफ कर दें । मोबाइल में अलार्म सेट न करें । भोजन-नाश्ते के समय मोबाइल से दूरी बनाए । बार-बार मेल चेक न करें । समय देखने के लिए घड़ी का इस्तेमाल करें । फोन में व्यर्थ के एप हटा दें । किताबों से मैत्री करें । आमने-सामने लोगों से बात करें । इस तरह टेक्नोलॉजी के अटैक से बचें, बचाएँ ।
(डॉ. विजय प्रकाश शर्मा, वरिष्ठ चिकित्सक, जयपुर, पत्रिका, हेल्थ, 28/1/18)