भगवान महावीर ने जिसका आचरण किया, श्रीमद् राजचंद्र ने जिसका प्रबोधन किया और महात्मा गांधी ने जिसे कार्यान्वित किया, मैं उसी अहिंसा के मार्ग का पथिक बनकर सत्य का प्रयोग करने के लिए स्वयं को तैयार कर रहा हूँ | मेरे मन का राज ही स्वराज है | स्वराज के लिए सत्याग्रह करूँगा | आपको भी [...]
क्या आप चाहते हैं राष्ट्रशांति ? विश्वशांति ? आत्मशांति ? अगर हाँ तो आइये, शुभ मैत्री, पावन प्रेम का विस्तार करें ! बुद्ध ने कहा : मैत्री ब्रह्मविहार का प्रथम सोपान है... माँ भी मित्र हो सकती है, पिता भी । भाई-बहन भी मित्र हो सकते, बेटी भी पिता की मित्र हो सकती। आइये, हम [...]
आनंद मंगलं... शुभं भवतु कल्याणं ! आप सभी को गुरुपूर्णिमा की शुभकामनाएँ ! बहुत दिनों बाद पत्र लिख रहा हूँ । मेरा आरोग्य अच्छा है... और मन शांत, सम, प्रसन्न है । कोरोना काल में अधिकतर घरों में रहने से लोगों में, विद्यार्थियों में मोटापा बढ़ा है । मोटापा घटाने की एक सरल पद्धति प्रस्तुत [...]
नगर भ्रमण भगवान का, होगा श्री जगन्नाथ का.... आओ, आषाढ़ी शुक्ल दूज पर, रथ यात्रा के उत्सव पर !ताल मृदंग की थाप पर, नाचें, झूमें भगवान की जय - जयकार करें...भक्तों और भगवान के साथ की सम्मिलित यात्रा का बनता है भारत साक्षी...धर्मयात्रा - पावन यात्रा रथ - यात्रा आओ, शामिल हो शुभयात्रा में !
वटसावित्री पूनम की सबको बधाईयाँ देता हूँ । इस पूर्णिमा का बहुत अच्छा महत्व है । प्रार्थना करें और हिम्मत से काम लें । अपना मन ईश्वर में लगाये रखें । समय का सदुपयोग करें । उपयोगी बनें, उद्योगी बनें, सहयोगी बनें !
साइकल - एक साथ कई फायदे देनेवाली एक्टीविटी है जिससे लोंग रन में बहुत अच्छी इम्पैक्ट मिलती है । साइकलिंग की अवेरनेस के लिए, साइकलिंग कल्चर को डेवलप करने के लिए 'Let's Pedal’ अभियान चलता आ रहा है और हमें इस अभियान को आगे बढ़ाना है, इसमें शामिल होना है । प्रदूषणमुक्त दुनिया बनाने के [...]
मैं तो विशेष रूप से स्वयं को सौभाग्यशाली मानता हूँ जिसे अपनी माँ का बचपन में साथ - पास - संरक्षण मिला पर बाद में दूरी होने के बावजूद भी अगम्य अतुल्य स्नेह संरक्षण - कृपा संरक्षण मिलता रहा, बढ़ता रहा और ये आज भी बरकरार है । आपकी परोक्ष संन्निधि में आपका पुत्र मुसीबतों [...]
अक्षय तृतीया अनंत फलदायक होती है । इस तृतीया को किए गए सारे काम शुभ फल देने वाले होते हैं। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन को स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना गया है । अक्षय तृतीया नि:स्वार्थ भाव से जरूरतमंदों को दान करने का महापर्व है।
मिट्टी मनुष्य की मूलभूत आवश्यकता है। परंतु खेती में केमिकल फ़र्टिलायज़र के बढ़ते उपयोग से, औद्योगिक कारखानों का अपशिष्ट मिट्टी के अंदर दबाया जाना इत्यादि कारणों से मिट्टी प्रदूषण आज उच्च स्तर पर बढ़ चुका है। वनों की मिट्टी में CO2 की एक छोटी सी वृद्धि भी वैश्विक जलवायु के परिणामों के साथ वायुमंडलीय CO2 [...]
आज के पथभ्रष्ट और दिशाहीन होते जा रहे युवाओं के लिए चरित्र का सर्वोत्तम आदर्श कोई है तो वह हनुमानजी है। पाश्चात्य अंधानुकरण आदि से जो भी अपना पतन कर चुके हैं वे भी हनुमानजी का स्मरण, चिंतन, पूजन व अनुसरण कर अपना जीवन ओजस्वी-तेजस्वी बना सकते हैं । ( स्रोत : विश्वगुरु ओजस्वी पत्रिका )