पर्यावरण सुरक्षा के लिए पूज्य श्री नारायण साँई जी का संदेश…
मैं चाहता हूँ भारतदेश के हम सभी नागरिक आज से इस धरती को बचाने के लिए और पर्यावरण की रक्षा के लिए ‘स्वेप रिवोल्यूशन’ की शुरुआत करें । मैंने पूर्व में भी सत्याग्रह शुरू किया था, पूरा दिन उपवास रखा था । इस एक दिवसीय उपवास – सत्याग्रह के कारण थे –
(1) प्रदूषणमुक्त विश्व का निर्माण करने के लिए हम सभी प्रयास तेज करें ।
(2) पेड़-पौधों को अधिक से अधिक लगाएँ – पेड़ों का कटना बंद हो, जंगलों में अप्राकृतिक आग न लगे ।
(3) भारत की न्यायिक प्रक्रिया में सुधार हो, न्याय शीघ्र मिले, – जेलों में विचाराधीन कैदियों की संख्या कम हो, जमानत को मौलिक अधिकार बनाया जाए ।
(4) गुजरात की जेलों में S.T.D /P.C.O की सेवा निःशुल्क सबको मिले – Outgoing Call ही होते हैं – Incoming Calls की भी सेवा उपलब्ध हो ।
इन कारणों, उद्धेश्यों के पूर्ति हेतु – मैंने एक दिवसीय सत्याग्रह किया था ।
स्वेप रेवल्यूशन के जरिए हम देश-दुनिया में नई क्रांति की शुरुआत करें – मैं ऐसा चाहता हूँ । स्वेप रेवोल्यूशन क्या है ? इसका उद्धेश्य है उपभोक्तावाद के बोझ को कम करना । सुख-सुविधाओं वाली जीवनशैली जहाँ एक तरफ जीवन को अधिक तनावग्रस्त बना रही है और स्ट्रेस, डिप्रेशन को बढ़ा रही है और जीवन को नुकसान पहुँचा रही है, वहीं इस ‘स्वेप रेवोल्यूशन’ के जरिए अच्छे जीवन के लिए लोगों में चीजें शेर करने, बाँटने की आदत डाली जा रही है । ये सब कैसे होता है ? तो इसके लिए whatsapp ग्रुप हैं, आप चाहें तो इस ग्रुप में शामिल होकर ‘स्वेप रिवोल्यूशन’ को बढ़ावा दे सकते है । ये सबके लिए open है । इस ग्रुप में जुड़े लोगों को चीज-वस्तुएँ, जीवनोपयोगी सामग्री दान करने, बेचने, बाँटने, मिलकर उपयोग – प्रति उपयोग करने के लिए – लेने-देने की सुविधा दी जाती है । इसमें लेपटोप, डेकोरेटिव सामाने, फर्नीचर, फोन और पेड़-पौधे जैसी चीजें लोग बेच रहे है – दूसरी ओर, इसके माध्यम से नॉन मटीरियल स्कील – जैसे कि रेसीपीज़ कंसेप्ट, कॉन्टेक्ट, नॉलेज और वोकेशनल ट्रेनिंग भी शेयर की जा रही है । इस तरह उनकी बार्टर करने या अपने आसपास में संग्रहित या सब वस्तुएँ शेयर करने की आदत बन रही है । लोग सब्जी से लेकर गेजेट्स तक शेयर कर रहे हैं । पर्यावरण बचाने के लिए रियूज़ और रिसाइकल टिकाऊ जीवन का नया मार्ग है लेकिन आगे क्या ? इसका जवाब है – धीरे से आ रही इस क्रांति का हिस्सा बन जाओ और अपने गाँव-शहर में भी यह क्रांति लाओ । जिस तरह पुणे (महाराष्ट्र) के निवासियों ने इसको स्वीकार करके आगे बढ़ाया है । जो भी हमारे पास ज्ञान (नॉलेज) है उसे बांटे,शेयर करें । जो अच्छी स्कील है उसे दूसरों को सिखाएँ और अति संग्रह से बचकर हमारे पास की साधन-सामग्री मिल-बाँटकर उपयोग करें ! धरती और पर्यावरण के लिए यह क्रांति बहुत लाभकारी होगी ।
– नारायण साँईं
Reference: https://punemirror.indiatimes.com/pune/others/reuse-recycle-for-a-sustainable-living/articleshow/72117447.cms