Virtual Darshan – Hinglaj Mata Temple

Virtual Darshan – Hinglaj Mata Temple

पूज्य श्री नारायण साँईं जी ने दिनांक ७ दिसम्बर २०२० को उनकी कुल देवी माँ –  अहमदाबाद स्थित माता हिंगलाज देवी मंदिर के दर्शन किए । (पूरा पता – सूरजीत सोसायटी, ठक्कर बापा नगर, इंडिया कॉलोनी, अहमदाबाद, गुजरात – 382345)

आइए जानते हैं हिंगलाज माता के बारे में :

पौराणिक कथा के अनुसार सती के वियोग मे क्षुब्ध शिव जब सती की पार्थिव देह को लेकर तीनों लोको का भ्रमण करने लगे तो भगवान विष्णु ने सती के शरीर को 51 खंडों मे विभक्त कर दिया जहाँ जहाँ सती के अंगप्रत्यंग गिरे स्थान शक्तिपीठ कहलाये केश गिरने से महाकाली,नैन गिरने से नैना देवी, कुरूक्षेत्र मे गुल्फ गिरने से भद्रकाली,सहारनपुर के पास शिवालिक पर्वत पर शीश गिरने से शाकम्भरीआदि शक्तिपीठ बन गये सती माता के शव को भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र से काटे जाने पर यहां उनका ब्रह्मरंध्र (सिर) गिरा था।

मंदिर की वार्षिकतीर्थयात्रा

मां दुर्गा अपने 51 शक्तिपीठों के रूप में देश के विभिन्‍न स्‍थानों पर विराजकर अपने भक्‍तों की रक्षा करती हैं। मां का ऐसा ही एक शक्तिपीठ सरहद पार पाकिस्‍तान में है। हिंगलाज माता को एक शक्तिशाली देवी माना जाता है जो अपने सभी भक्तों के लिए मनोकामना पूर्ण करती है। जबकि हिंगलाज उनका मुख्य मंदिर है, मंदिरों के पड़ोसी भारतीय राज्य गुजरात और राजस्थान में भी उनके लिए समर्पित मंदिर बने हुए हैं।मंदिर को विशेष रूप से संस्कृत में हिंदू शास्त्रों में हिंगुला, हिंगलाजा, हिंगलाजा और हिंगुलता के नाम से जाना जाता है।देवी को हिंगलाज माता (मां हिंगलाज), हिंगलाज देवी (देवी हिंगलाज), हिंगुला देवी (लाल देवी या हिंगुला की देवीऔर कोट्टारी या कोटवी के रूप में भी जाना जाता है।

स्थानीय मुस्लिम भी हिंगलाज माता पर आस्था रखते हैं और मंदिर को सुरक्षा प्रदान करते हैं। उन्होंने मंदिर कोनानी का मंदिरकहते है। देवी को बीबी नानी (सम्मानित मातृ दादी) कहा जाता है। बीबी नानीनाना के समान हो सकती है, जो कुशान सिक्कों पर दिखाई देने वाले एक पूज्य देव थे और पश्चिम और मध्य एशिया में व्यापक रूप से उनकी पूजा की जाती थी।एक प्राचीन परंपरा का पालन करते हुए स्थानीय मुस्लिम जनजातियां, तीर्थयात्रा समूह में शामिल होती हैं और तीर्थयात्रा कोनानी की हजकहते हैं।

हिंदू ही नहीं मुसलमान भी करते हैं माता की पूजा

इस मंदिर में मुस्लिम भी सेवाभाव करते हैं। यहां के हिंदुओं के लिए यह असीम आस्‍था का केंद्र है। मान्‍यता है कि मर्यादा पुरुषोत्‍तम श्रीराम ने भी यात्रा पर इस शक्तिपीठ में दर्शन किए थे। हिंदू ग्रंथों में बताया गया है कि भगवान परशुराम के पिता जमदग्नि ने भी यहां घोर तप किया था।

मंदिर में पूजा करने से होती है मनोकामना पूरी

बताया जाता है कि हिंगलाज माता के इस मंदिर में मनोरथ सिद्धि के लिए गुरु गोरखनाथ, गुरु नानक देव ओर दादा मखान जैसे आध्‍यात्मिक संत भी यहां आ चुके हैं।

आईये हम आनंद लेते हैं पूज्य श्री नारायण साँईं के हिंगलाज माता मंदिर दर्शन का  !

Comment (1)
Sangeeta
December 18, 2020 3:53 pm

Jai ho mere sai apki aap jaise mahapurush hi samaj ke liye motivation h

Reply

Leave comments

Your email is safe with us.

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.