“World Photography Day” पर पूज्य श्री नारायण साँईं जी का शुभ संदेश !!
फोटोग्राफी… एक सूक्ष्म निरीक्षण की कला है। साधारण से लगने वाले स्थान में से कुछ असाधारण को कैमरे में कैद कर लेना- यही फोटोग्राफी है। meditation+passion = photography. मुझे बचपन से ही फोटोग्राफी का शौक था, हजारों फोटो मैंने खींचे होंगे।उसमें से कुछ फोटो लाखों करोड़ों लोगों तक पहुंच चुकें हैं।जब भारत में सेल्फी का अर्थ कोई नहीं जानता था तब मैं प्रोफेशनल खुद के कैमरे से सेल्फी लेता था।परफेक्ट सेल्फी लेना यह भी एक कला है। फोटोग्राफी एकाग्रता को बढ़ाती है। दृश्य और दृष्टा को समझने में तुम्हारी परिपक्वता बढ़ जाती है। दृश्य, प्रकाश, अंधेरा,स्थिरता और स्पीड इसको जो जितना अधिक समझ पाता है वह उतना ही पर्फेक्ट फोटोग्राफी कर पाता है।फोटो के प्रति यही मेरा दृष्टिकोण, अनुभव रहा है। मैंने मेरे कैमरे से मेरे पिताश्री की जो तस्वीर खींची उनमें से कुछ इतनी मोहक- सुंदर- आकर्षक और अद्भुत थी कि वे कईयों बार कई वर्षों तक और अब भी विभिन्न पत्रिकाओं, समाचार पत्रों, पोस्टरों, किताबों, पेमप्लेटों, बैनरों और फ़्लेक्सों में प्रिंट की, अभी भी उनका उपयोग होता है ऐसा मैं देख रहा हूं। आज भी मेरे द्वारा खींची गई वे तस्वीरें देश-विदेश के लाखों करोड़ों लोगों के घरों,पूजा गृहों, मंदिरों में लेमिनेशन के रूप में स्थापित है। लोगों की श्रद्धा, विश्वास और गुरुभक्ति को पुष्ट करने में गुरुदेव के चित्र सहयोगी हो रहे हैं और इसमें मेरी सेवा का अंशदान है ऐसा सोच कर मैं आनंदित होता हूं।
विश्व भर में 19 अगस्त का दिन फोटोग्राफी डे के रूप में मनाया जाता है। एक भी अक्षर या शब्द कहे बिना व्यक्ति,समाज, देश, संस्कृति और कलाओं को भाषा की सीमाओं को तोड़कर फोटोग्राफी तस्वीरों के जरिए समझाया जा सकता है। इस देश और दुनिया के महान फोटोग्राफरों को साधुवाद, धन्यवाद है कि जिनकी फोटोग्राफी से हमें सुंदर प्रकृति,पर्वत,उत्तुंग
पहाड़,नदियाँ,झरने, सतरंगी आसमान, विश्व के अद्भुत दृश्य, पक्षी, प्राणी, संस्कृति, उत्सव, युद्ध,समुद्र, सांस्कृतिक प्राचीन धरोहर आदि के कई चित्रों/ फोटो/ तस्वीर देखने समझने का लाभ आदि कई मील दूर मिल जाता है ।
फोटोग्राफी एक कौशल है- ध्यान,धीरज ,एकाग्रता का, सूक्ष्म दृष्टि, डेवलपमेंट, परफेक्शन का। फोटोग्राफी एक important art है, महत्वपूर्ण कला है। आइए हम इस कला की कद्र करें, इस कला से जुड़े लोगों की कद्र करें, कलाकारों की कद्र करें, इसका महत्व समझें, इस कला के जरिए अपने भीतर छुपी कला को निखारे। हम सबके भीतर भी एक छुपा हुआ कलाकार है। आइए उसे जागृत करें। कलाकारों का धन्यवाद करें, अपने भीतर छुपी कला को विकसित करने का प्रयास करें।
Thank you for world photographers and their photographs!
विश्व के फोटोग्राफरों एवं उनकी फोटोग्राफ को धन्यवाद!!
– नारायण साँईं “ओहम्मो ”