मेरे प्रिय साधकों, मेरे आत्मीय भक्तजनों, मेरे स्नेही समर्थकों, मेरे मित्रों, मेरे साथियों, मेरे प्यारे भाईयों और बहनों, बहुत ही मुश्किल से और अथाह प्रयत्नों से हमें आजादी प्राप्त हुई है । हमारे पुरखों ने न जाने कितने बलिदान देकर देश को आजाद बनाया है और गुलामी से मुक्त किया है । मैं बहुत ही [...]
नकारात्मक सोच अगर हटा दें तो शारीरिक अयोग्यता भी वरदान में बदली जा सकती है । महाकवि सूरदास बाहर की आँखें तो नहीं थी लेकिन अंदर की आँखें थी । उन्होंने अंधे होने के बावजूद भी महाकाव्य की रचना की । हेलन केलर नाम की लड़की अंधी भी थी, बहरी भी थी । सफल वक्ता [...]
स्माइल करने से शरीर में इतने अच्छे सकारात्मक बदलाव होते हैं कि शरीर में रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ती है - इसी सिद्धांत पर लाफ्टर थेरापी विकसित हुई है । अमेरिका में मायो क्लिनिक के रिसर्चरों ने कहा है हास्य के कारण ब्रेन में ऐसे केमिकल पैदा होते है जो इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत बनाते है । [...]
मैं यह जानकर प्रसन्न हूँ कि इंटरनेशनल एथलेटिक्स ऋचा सैनी ने भारत में पुरुष आयोग के गठन के लिए मुहीम शुरू की है । वे राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने जा रही हैं । वर्तमान कानून कि जो पुरुष व महिला में भेदभाव करते हैं, ये समानता के विरुद्ध है । कई महिलाओं/युवतीयों/किशोरियों [...]
आज के अखबार में आया है । लेटेस्ट न्यूज बताता हूँ । सुबह अखबार ले आया था कोई, तो मैं जल्दी-जल्दी देख रहा था । एक खबर लास्ट पेज पर थी । लिखा था मोबाइल से ब्रेन हेमरेज, मोबाइल से ट्यूमर होता है । Memory loss, स्मरणशक्ति का ह्रास होता है । कई लोग फोन [...]
मैं भारत के किसानों से आग्रह करता हूँ कि वे जैविक खेती करने का संकल्प लें । कैंसरमुक्त भारत बनाने के लिये हमें रासायनिक खाद व जंतुनाशक मुक्त खेती करनी होगी। नीम, गौमूत्र, गुड़ व हींग आदि चीजों से किसान स्वदेशी कीटनाशक बनाएँ और जैविक खाद का ही प्रयोग करें । हमें विश्व में भारत [...]
(पूज्य साँईंजी के सत्संग से संकलित) एक बार संत यात्रा करने जा रहे थे । बीच में देखा कि एक बरगद का हरा-भरा लंबी जटायुक्त पेड़ था । उसकी घनी छाँव में संत ने आराम किया व साथ के कुछ शिष्यों ने भी आराम किया । चलते गये, बद्रीनाथ की यात्रा की । यात्रा करके [...]
(पूज्य साँईंजी के सत्संग से संकलित) भगवान की कृपा नित्य-निरंतर बरस रही है । जैसे बारिश तो बरस ही रही है पर जैसा बर्तन होगा, उतना ही उसमें पानी आ सकेगा, छोटे बर्तन में कम और बड़े बर्तन में ज्यादा । यह बारिश तो फिर भी बारह महीने में चार महीने ही होती है, वो [...]
दोस्ती मतलब दो दिलों को जोडनेवाली एक आत्मा जीव था मेरा वो न रहा मेरे तनमें विचार था जो मेरा वो न रहा मेरे मन में जुडे हुए थे इम एक-दूजे के जीवन में अलग हुए वे बंधन एक-एक के जीवन में दिल मैं हूँ और धडकन वो है अब चूक-सा गया है दिल उस [...]
पहली तो होती है श्रद्धा । बिना श्रद्धा के .... शालिग्राम में श्रद्धा रखनी पड़ती है, भगवान की मूर्ति में भी श्रद्धा । नास्तिक बोलेगा कि यह मूर्ति थोड़ी है, भगवान थोड़ी है, यह तो पत्थर है । नहीं । नास्तिक के लिए तुलसी पौधा है, फायदा नहीं होगा ।गंगा केवल नदी है नास्तिक के [...]
12 साल चली स्टडी का निचोड़: एक मुलाकात में भी दवा जैसा असर... विज्ञान भी कह रहा... प्रियजनों व दोस्तों से महीने में एक बार जरूर मिलें, जिंदगी की चाहत के साथ उम्र भी बढ़ जाएगी... अपने करीबी रिश्तेदारों और घनिष्ठ दोस्तों से महीने में आप कितनी बार मिलते हैं... या पिछली बार कब मिले [...]
अंतर्राष्ट्रीय मैत्री दिवस ... रोटी, कपड़ा और मकान - जिंदगी जीने के लिए मनुष्य की ये मूलभूत आवश्यकताएँ हैं, लेकिन इन तीन चीजों से ही बात पूरी नहीं होती । मनुष्य की बेहतर जिंदगी के लिए इन तीनों के अलावा भी चाहिए - बेहतर श्रेष्ठजनों का संग, उत्तम मैत्री, प्रेम, सौहार्द, अपनत्व, संवेदना, साथ, सहकार, [...]
किसी भी मनुष्य की जिंदगी में घटनाओं की एक जंजीर होती है । एक कमजोर कड़ी के बाद एक मजबूत कड़ी आये, ऐसा हो सकता है और ऐसा होता भी है कि हमने जिसे निष्फलता मान लिया, वह बड़ी सफलता की जननी बन जाती है । कमजोर और मजबूत कड़ीयों का कुछ गूढ़ संबंध होता [...]
सभी गुरुभाई एवँ गुरुबहनें गुरुपूनम के पावन पर्व पर अपने-अपने घरों में सद्गुरुदेव का विधिवत पूजन अथवा मानसिक पूजन अवश्य करें । ब्रह्ममुहूर्त के भी पहले उठने का प्रयास करें । स्नान करके प्रातः ४ बजे तक साधना में बैठें । कम-से-कम २-३ घंटे तक गुरुदेव का ध्यान करें । उसके बाद सद्गुरुदेव के लिए [...]
भारतीय इतिहास में एक से बढ़कर एक शिक्षक रहे हैं । श्रीराम से लेकर स्वामी विवेकानंद तक जितने भी युगनायक हुए हैं, उनके पीछे किसी महान गुरु का आशीर्वाद और शिक्षा रही है । शिक्षण पद्धति तो आदिकाल से चली आ रही है तथा हमारे पौराणिक ग्रंथों में गुरु-शिष्य परंपरा का जिक्र मिलता है । [...]
सीमा हिंगोनिया (वरिष्ठ पुलिस अधिकारी) कहती हैं - ‘पीड़ित पुरुष के लिए, उसकी सुनवाई के लिए कोई भी उचित प्लेटफॉर्म उपलब्ध नहीं है । क्या पीड़ित सिर्फ महिला ही हो सकती हैं ? पुरुष नहीं ? उन पीड़ित पुरुषों को क्या न्याय नहीं मिल सकता ? कैसे, कहाँ मिले ? ये एक गंभीर महत्त्वपूर्ण [...]