हमारा मन अपूर्ण संसार से हट गया, विनाशी जग से किसने क्या पाया ? हमने तो पूर्ण प्रेमास्पद को पाकर परम तृप्ति का अनुभव किया । नित्य नवीन रस को हर दिन पा रहे हैं, उन माधुर्याधिपति के रस को पी रहे हैं, हमारा मजा हम ही जाने !
शुभ और दृढ़ विचार मन में धारण करो, आचरण को उन्नत करो । मानसिक शक्तियों का विकास करो, सद्गुणों की प्राप्ति करो, स्नेहयुक्त व्यवहार करो, सुन्दर जीवन प्राप्त करो ।
अपने दुःख में कौन नहीं रोता ? सब रोते हैं । दूसरों के दुःख को जो अपना दुःख नहीं समझता उसका दुःख कभी दूर नहीं होगा । जब तक दूसरे के सुख को अपना सुख नहीं समझोगे तब तक अपने हृदय में सुखस्वरुप सर्वेश्वर प्रकट भी नहीं होंगे । अतः प्राणिमात्र में अपनी आत्मा को [...]
संघर्ष करने से डरने की जरुरत नहीं । आपकी इच्छाशक्ति मजबूत होनी चाहिए । ये जितनी मजबूत होगी, मंजिल की ओर उतनी ही तेजी से आप आगे बढ़ेंगे । मंजिल भी आपकी तरफ बढ़ेगी । सारे डर, सारी समस्याएँ एक तरफ रखकर, इच्छाशक्ति मजबूत बनाइये, जी-जान से उत्थान की तरफ आगे बढ़िए । जगाइये, अपनी [...]
आप अनुभवों के बारे में लिखें, जो आपको अपने जीवन में हुए हैं । उससे दूसरों को भी फायदा मिलता है । अपनी कहानी और अनुभव लिखने से आप दूसरों को प्रेरित करते हैं। किस तरह मुश्किलों का सामना करते हुए आपने सफलता प्राप्त की जब आप ये लिखते हैं तब बहुत से लोग आपसे [...]
कोई विजेता उस समय विजेता नहीं बनते जब वह किसी प्रतियोगिता को जीतते हैं, लेकिन विजेता तो वह उन घंटों, सप्ताहों, महीनों और वर्षों में बनते हैं जब वह इसके लिए तैयारी करते हैं । विजय निस्पादन तो केवल उनके विजेता स्वभाव को परिलक्षित करता है ।
सारी निष्ठुरता त्यागकर सब श्वांसो के श्वांस में बसे अद्वेत को अंगीकार कर ऐसा दीप जलाओ अंतर मन में जो अनंत काल तक आपके विचारों और किए गए कार्यों से जगत को रोशन करता रहे। (Abandon all ruthlessness and embrace Advaita (non-duality) settled in the breaths of all the breath. Ignite such a lamp internally [...]
आइये हम सभी एक-दूसरे का साथ-सहयोग पाकर खुशहाल जिंदगी व्यतीत करें। प्रेम-सहयोग के बल पर परस्पर जिंदगी को सुंदर सरस बनाने का प्रयास करें। भाषाओं की सीमाएँ लाँघकर भावनाओं से ओतप्रोत होकर जिएँ और विश्व को शाश्वत आनंदित जीवन जीने का मार्ग दिखाएँ। Let us all collaborate and lead a joyful life. Let's try to [...]
संसार एक कड़वा वृक्ष है। इसके दो फल ही अमृत जैसे मीठे होते हैं। एक मधुर वाणी और दूसरा सज्जनों की संगति। (The world is a bitter tree. Its two fruits are sweet as nectar. One is a melodious voice, and the other is the presence of saints.)
मजबूत मन वाले बिना शिकायत कष्ट भुगत लेते हैं। कमजोर मन वाले बिना कष्ट भुगते ही शिकायत करते रहते हैं। (Those with Strong will tolerate pain without complaints, whereas weak-minded keep complaining without any troubles.)
जब तक आस्था जीवित होती है, आशा कभी भी मिटती नहीं है और जब तक आशा है तब तक आस्था नष्ट नहीं होती। (As long as faith is alive, hope never disappears and faith is not destroyed as long as there is hope.)
छोटी मोटी मान्यताओंमें, संकीर्णता में और हीन परिकल्पना ओं में उलझने से सामर्थ्य और शक्ति खुलने का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है। (The pathway to latent abilities and powers is blocked by getting entangled in preconceived ideas, narrow-mindness and inferior imaginations.)
बीत गया सो बीत गया- जो सबंध बनाने से बनता है वह कभी टूट भी सकता है। जो सबंध पहले से हैं, बनाया नहीं गया वही सबंध कायम रहता है। वह मिटाए मिट नहीं सकता। जीव और शिव का सबंध आत्मा और परमात्मा का सबंध, गुरु और शिष्य का सबंध, भक्त और भगवान का सबंध [...]
जिनके जीवन में क्षमा, सरलता, संतोष, दया और सत्य ये 5 गुन आ गए उनका जीवन अमृत तुल्य हो जाता है। (Life becomes like nectar for those bestowed with these five merits - forgiveness, simplicity, satisfaction, compassion, and truth.)
जो चित में है और जो बाहर है दोनों ही मिथ्या है। अपने मन में जो भरा है वही भीतर और बाहर दिखता है। परंतु तुम तो मन से, बुद्धि से, बाहर व भीतर दोनों से ऊपर उठ जाओ। तब तुम देखोगे कि सब कल्पना ही है, मन का विलास है, भ्रम है, स्वप्न है, [...]