WHO की रिपोर्ट :

दुनिया का हर चौथा इंसान अकेला, महामारी बना अकेलापन !

अगर आप अकेला महसूस करते हैं तो पढ़ें साँईं जी के अनमोल वचन जो दूर करेंगे आपका अकेलापन !

अगर आप अकेले हो गए तो फिक्र मत करो… क्योंकि अकेलापन आपके स्पीरिट को जगाने की साइंटिफिक पद्धति है… ईश्वर के साथ एकात्मकता को स्थापित करने का अवसर है ! वैज्ञानिक विधि है ! अध्यात्म का प्रयोग है ! “सोलिट्यूड इज द साइंटिफिक मेथड ऑफ ह्युमन स्पीरिट !” अकेलेपन में आप इस विश्व के साथ एकता का अनुभव कर सकते हो ! अकेलेपन का ही दूसरा नाम – विश्व है, पर्वत है, नदी है, सूर्य है, चन्द्रमा है, ग्रह हैं… ये सब अकेले हैं फिर भी चारों ओर से घिरे हैं ! कनेक्टेड हैं ! और जो भी अकेला है, वह अकेला होने के बावजूद अकेला नहीं है, कनेक्टेड है विश्व के साथ ! यादों के सहारे अपनों के साथ… सपनों के साथ… अरमानों के साथ… ख्वाबों के साथ !

हम सभी में छुपा हुआ एक अनोखा आध्यात्मिक बल है, वह एकांत में बढ़ता है | ईश्वर के साथ होने का एहसास गहरा हो सकता है ! एकांत के आनंद का वर्णन पूर्ण रूप से नहीं कर सकते ! अकेलेपन में हमें स्पीरिचुअल अवेरनेस (आध्यात्मिक जागृति) का अनुभव गहरा होता है ! बचपन की स्मृतियों, जीवन की घटनाओं को अकेले में बैठकर ताजी करो और अपने अनुभवों से सीखो ! मोबाइल, कंप्यूटर आदि की गुलामी को दिन में २-४ घंटे हटाकर स्वयं का स्वयं से संपर्क स्थापित करो !

जीवन की उन महत्त्वपूर्ण स्मृतियों में खो जाओ, महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों से किये हुए वार्तालाप, उनके सान्निध्य में बिताये क्षणों को याद करके, कल्पनाओं के सहारे उन्हें जीवंत कर लो, अपनी चेतना का विकास करो… और अपनी इस क्रियेटिविटी का आनंद लो ! गीता के “एकांतवासो लघुभोजनादौ” को घटित करो ! એકલો જાને રે… એકલો જાને… का आनंद लो और शेर की तरह आगे बढ़ो… निर्भयता से, साहस से !

तो, चलो – तैयार हो जाओ अकेलेपन को-नीरसता नहीं, ईश्वर के साथ, मधुर स्मृतियों के साथ उत्सव के रूप में मनाने के लिए !

Leave comments

Your email is safe with us.

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.