धन्यो गृहस्थाश्रम: विवाह की संस्था बहुत पुरानी संस्था है और इसका विकल्प अगले सहस्त्रों वर्षों तक बरकरार रहेगा चूँकि कुंवारों और संन्यास मार्ग पर चलने वालों ने प्रतिक्रांति करके एक नया 'मॉडल' दिया है । अविवाहित रहकर प्रेमी-प्रेमिका के रूप में लंबी मित्रता का वादा निभानेवालों ने भी एक 'मॉडल' उपस्थित किया है । विलंबित [...]
शरद पूनम, जब भी आती है, मन के देवता चन्द्र देव सहज ही याद आते हैं... उनकी शीतल किरणों में स्नान करके आल्हादित होने व अपलक पूर्ण चंद्रमा को देखते हुए न सिर्फ मन हर्षित व प्रसन्न करते हैं हम, बल्कि चंद्रमा का ध्यान करते हुए मन को कृष्ण युग में ले जाकर महारास की [...]
जयप्रकाश नारायण ने अपने जीवन के अनुभव का एक निचोड़ बताया है कि "अगर हमें अच्छा आदमी बनना है, दूसरों के मंगल के लिए स्वयं अपने कर्तव्य का निर्वाह करना है तो हमें आध्यात्मिक होना होगा । भौतिकता दूसरों के भले के लिए त्याग करने की प्रेरणा देने में असमर्थ है । उसका पूरा ध्यान [...]
पूज्य श्री नारायण साँईं जी ने लिखा है हमारे आपके लिए - एक विशेष रूप से समझने और याद रखने की बात यह है कि, हम ऐसी माँग क्यों करें कि उससे कि "चिंता व जिम्मेदारी का बोझ उठा लो - हे नाथ ! हे मालिक !" ना... ना... हम तो उस दिव्य प्रेम को [...]
वर्ल्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे पर ओजस्वी अध्यात्मा के प्रणेता नारायण साँईं जी का प्रेरक जीवन सूत्र... पत्थर नहीं है जो मूर्ति न बन सकें, ऐसा कोई मानव नहीं है जो महान ना बन सके लेकिन ठीक से संयोजन होना दुर्लभ है । "संयोजक: दुर्लभ: ।" इसलिए हे मेरे आत्मन ! हिम्मत रखिए और अपने जीवन [...]
जीवन में उन्नति पाने की इच्छा आपके अंदर ही लहलहा रही है...! अपने चारों ओर स्वयं आपने ही जो जाल बुने हैं उनसे छुटकारा पाइये - तभी असली उन्नति होगी । साहस, घोर परिश्रम, संपूर्ण ध्यान और सभी क्षमताओं का उपयोग करते हुए उत्साहपूर्वक परिश्रम करके देखिए ! सफलता आपके कदम चूमेगी । हार से [...]
"यह भी गुजर जायेगा....." जब, अनुकूलता - सुख-सुविधा में फिसल जाएँ हम, और - जब, प्रतिकूलता - दुख-संकट में घिर जाएँ हम, तब - अपने आपको आश्वासन दीजिए, ढांढस बंधाइये व धैर्य के साथ - शांति से, मन को समभाव में लाते हुए समझाइये - सोचिए कि - "हाँ, यह भी तो गुजर ही जायेगा [...]
खुशहाल जिंदगी के समर्थक – श्री गणेश - नारायण साँईं 'श्री गणेशाय नमः' के साथ गणपति गजानन बप्पा का मंगलमय स्मरण करते हुए विश्व के तमाम मनुष्यों को गणेश उत्सव के अवसर पर मैं हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ प्रदान करता हूँ । भारत में करीब 70-75 साल पहले स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान बाल गंगाधर तिलक [...]
कैसा हो आपका व्यवहार ? (दिव्य सत्संग) - पूज्य श्री नारायण साँईं जी सबमें भगवान है ये अपनी एक दृष्टि है । व्यवहार अनेक के साथ होता है लेकिन उस व्यवहार में भेद है, तत्व में कोई भेद नहीं है । जय रामजी बोलना पड़ेगा । तत्व सबमें समान, सबमें एकरस है । एक उदाहरण [...]
पाने से अधिक देने में आनंद है । वस्तुओं के लाभ से ही आनंद मिलता है उस उसूल के साथ जो लोग जीवन बिताते हैं, उन्हें एक हजार अच्छाईयों के बाद एकाध संकट आ जाए तो उनके लिए दुःखपूर्ण बन जाता है। मैं चाहता हूँ हम एक ऐसे आनंद को प्राप्त करें जो हर हाल [...]
नृत्य सिर्फ कला ही नहीं , स्वस्थ रहने का जरिया भी है... - पूज्य श्री नारायण साँईं नृत्य हमेशा से मानव संस्कृति और समारोहों का एक अहम हिस्सा रहा है | हर साल २९ अप्रैल को अन्तर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस मनाया जाता है | यूनेस्को के थियेटर इंस्टिट्यूट की डांस कमिटी ने इस दिन को रिफोर्मर [...]
वैज्ञानिकों ने माना...दाल-चावल दुनिया में सबसे अच्छा भोजन !! अतः शाकाहार अपनाइये, माँसाहार छोड़िए ... जर्मनी की ल्यूबेक यूनिवर्सिटी में किए गए इस शोध में पता चला है कि सिर्फ डी.एन.ए. में गड़बड़ी होने से अनुवांशिक बीमारियां नहीं होतीं, आहार की भी इसमें अहम भूमिका होती है। आहार ठीक न हो तो वह ऐसी [...]