अंतर खोज की दिशा में आगे बढ़ें !

बहोत ही सरल बात है मेरी, और आप समझदार है तो पक्का, आपके हृदय तक मेरी बात पहुँचने में देर नहीं लगेगी ।

मुझे कठिन शब्द उपयोग करने की जरूरत नहीं । लंबी भाषणबाजी का भी कोई अर्थ नहीं ।

बस, बात इतनी-सी है :
“अंतर खोज की दिशा में आगे बढ़ें ।”
जब भी समय मिले, जहाँ भी हों,
बस, आगे बढ़ें… आगे बढ़ें…
तय करें, बस केवल इतनी-सी
समझ विकसित करें कि अब मुझे ‘स्व’ को जानना है, अपने को पहचानना है,
‘मैं कौन हूँ’ – खुद से सवाल करें !
अंतर खोज…अंतर यात्रा… शुरू कर दें !
बार-बार यह विचार करने से,
आपके आचरण-व्यवहार-स्वभाव में सुगंध पैदा होगी ।

सरस… सुंदर… सुमधुर… ।

तो, आप यदि समझदार और किस्मतवाले होंगे तो आज व अभी से इस छोटे से विचार को आत्मसात् कर लेंगे,

यह विचार आपको गहन चिंतन की ओर ले जायेगा… और आत्मखोज होगी तो फिर

वाह… वाह ! क्या बात है ! आनंद ही आनंद !
– नारायण साँई
26/3/2019
5:45 A.M.

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