मैं और मेरा परिवार लगभग २० वर्षों से पूज्य साँईंजी से जुड़ा हुआ है । हम सभी सौभाग्यशाली हैं की हमें उनका निरंतर गुरु प्रेम मिलता रहा । उनकी करुणा का बखान करने के लिए शब्द नहीं है । मेरी बेटी की शादी को ८ वर्ष होने पर भी बच्चा नहीं हो रहा था । [...]
इस दुनिया में हम नहीं चाहते हों ऐसा, न अच्छा लगता हो ऐसा, और कभी सोचा भी न हो ऐसा हो जाता है। हकीकत ये है कि ये सिलसिला अनादिकाल से चल रहा है और चलता ही रहेगा । इस कटु सत्य को स्वीकार करते हुए, बैचेन, अशांत और तनावग्रस्त रहने की अपेक्षा ईश्वर की [...]
क्या आप चाहते हैं राष्ट्रशांति ? विश्वशांति ? आत्मशांति ? अगर हाँ तो आइये, शुभ मैत्री, पावन प्रेम का विस्तार करें ! बुद्ध ने कहा : मैत्री ब्रह्मविहार का प्रथम सोपान है... माँ भी मित्र हो सकती है, पिता भी । भाई-बहन भी मित्र हो सकते, बेटी भी पिता की मित्र हो सकती। आइये, हम [...]
वैलेंटाइन डे के रूप में पाश्चात्य की अंधी दौड़ जो दुनिया दौड़ रही थी अब पिछले कुछ वर्षों से इस अंधी दौड़ से रुख बदलकर ओजस्वी भारत का आध्यात्मिक दृष्टिकोण लेकर मातृ-पितृ पूजन दिवस महोत्सव एक नई परंपरा का प्रारंभ कर रहा है और इतिहास रच रहा है । भारत के इस दिव्य महोत्सव को आत्मसात [...]
ये वसंत पंचमी कल थी । वसंतोत्सव का, वसंत ऋतु का शुभारंभ हो रहा है और मातृ-पितृ पूजन दिवस के इस कार्यक्रम में आप सम्मिलित हुए है । देश-विदेश में यह कार्यक्रम बड़े धूमधाम से, बड़े पैमाने पर बहुत श्रद्धा, आदर और माता-पिता, गुरुजनों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के उद्देश्य के साथ मनाया जा [...]
विश्व ने फिर से कुछ दिन पहले एक महान तत्वचिंतक, स्थितिप्रज्ञ महापुरुष को खो दिया है... 22 जनवरी 2022 को वियतनामी बुद्धिस्ट ब्रह्मज्ञानी संत थिक न्यात हान वैश्विक चेतना में लीन हो गए। उनको ओजस्वी परिवार की तरफ से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पण करते हुए हम उनके कुछ श्रेष्ठ प्रवचनों के अंश चिंतन प्रसाद के रूप [...]
जब कोई भी डर, और संघर्ष का मुक़ाबला करने का नहीं होता तब समझो ज़िंदगी का आधा रस ही समाप्त हो गया! इसलिए हर डर, हर संघर्ष का पूरे मन से मुक़ाबला करते रहो... !
एक खास बात है - कि लगभग हर मनुष्य स्वयं को अतृप्त, अपरिपूर्ण महसूस करता है ! हर मानव पूर्ण तृप्ति, पूर्ण संतुष्टि चाहता है परंतु उसे लाख कोशिशें करने के बावजूद भी तृप्ति , संतुष्टि मिलती नहीं है ! क्यों ? क्योंकि सही मार्ग से बेखबर है ! गुजरात के पोरबंदर में एक निलेश [...]
शरद पूर्णिमा पर नारायण साँईं का संदेश... आप सभी को शरद पूर्णिमा की हार्दिक बधाई देता हूँ । नवरात्र व दशहरा (विजयादशमी) के बाद अब दीपावली के प्रकाश पर्व की बेसब्री से प्रतीक्षा हो रही है । शरद पूर्णिमा के बाद तोड़े गए आँवलों का महत्व है और इन आँवलों से बना च्यवनप्राश बहुत गुणकारी [...]
विश्व क्षितिज पर भारत का एक नया आर्थिक व आध्यात्मिक अभ्युदय होगा और ये बहुत जल्दी होगा - ऐसा मैं देख रहा हूँ । भारत को दुनिया की आर्थिक व आध्यात्मिक महासत्ता के रूप में स्थापित करने का सपना बहुत ही जल्द चरितार्थ होगा । विश्वगुरु भारत का स्वर्णिम समय शुरू होने जा रहा है [...]
कृष्ण को कलाकार प्रिय है और कलाकारों को श्री कृष्ण प्रिय है ... कला जीवन को बेहतर बनाती है । मोर का नृत्य, कोयल का स्वर, सोलह कलाओं से खिला हुआ पूर्णमासी का चंद्र, भला ऐसा कौन अभागा होगा जिसको पसंद ना आता हो ? यही तो कला है जो ह्रदय को छूती है, भाती [...]
हे प्रभु ! हे हरि ! हे महादेव! हे शंभो ! हे केशव कृष्ण मुरारी ! हमारे जीवन में आपके प्रति अनन्य और अखंड प्रेम की आप ही रक्षा करना ! आपके प्रति श्रद्धा-विश्वास बरकरार रहे । हमारे जीवन में सत्य, प्रेम, करुणा के भाव जीवन भर बने रहें । हमारे जीवन में आनंद के [...]
भारत में अगस्त के प्रथम सप्ताह को मैत्री दिवस मनाया जाता है। मैत्री सम्बन्ध स्थापित करने का प्रस्ताव : श्रेष्ठ लोगों का संगठित होकर मैत्री युक्त प्रयास विश्व को बेहतर बनाता है। मैं आपसे मैत्री करना चाहता हूँ। मैत्री होती है हवा की तरह निर्बन्ध । सूर्य प्रकाश की तरह सर्वव्यापी । जीवन को मधुर, [...]
साधना की प्रतिमूर्ति तपोवनी माँ सुभद्रा माताजी एक उच्च कोटि की तपस्विनी थी, जिनकी साधना और सेवा एक मिसाल के रूप में सदियों तक आध्यात्मिक पथ के पथिकों को प्रेरणा देती रहेगी । मैं आप सभी से ये अनुरोध करता हूँ कि सुभद्रा माताजी की जीवनी "समुद्र से हिमशिखर तक" - जो कि पतंजलि योगपीठ [...]
हमारे सदगुरुदेव द्वारा प्रदान किए गए " एक में सब, सबमें एक " सूत्र को हमें आत्मसात करना है और यही दर्शन शासकों में, प्रजा में, सभी देशों में विकसित करना है तभी एक मंगलमय, सुखद, आनंदमय विश्व का निर्माण होना सम्भव हो सकेगा ऐसा मैं दृढ़तापूर्वक मानता हूँ । मेरे इसी विचार के सन्दर्भ में भारतीय [...]