कृष्ण को कलाकार प्रिय है और कलाकारों को श्री कृष्ण प्रिय है … कला जीवन को बेहतर बनाती है । मोर का नृत्य, कोयल का स्वर, सोलह कलाओं से खिला हुआ पूर्णमासी का चंद्र, भला ऐसा कौन अभागा होगा जिसको पसंद ना आता हो ?

यही तो कला है जो ह्रदय को छूती है, भाती है । 64 कलाओं को जानने वाले श्री कृष्ण का जीवन दुखों के बीच बहुत कुछ सिखाता है । क्यों न हम श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व विश्व कौशल्य दिवस के रूप में मनाना शुरू करें ? उनका जीवन प्रेरित, उत्साहित करता है…

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