विश्वगुरु ओजस्वी अभिनव भारत के स्वप्नदृष्टा, न्यू इंडिया के मार्गदर्शक,

लोकप्रिय युवा महात्मा श्री नारायण साँईं का चौथा बुलेटिन/शुभ संदेश…
दिल की बात… (2019, 4th message)

Guidelines for better life by Gelotologist Narayan Sai.
Change…. Change…. Change…. O Change Makers ! Change….

बदलो… बदलो… बदलो… हे बदलावों के नायकों-नायिकाओं ! अब बदलो… करो बदलाव क्योंकि बदलाव आवश्यक है । बदलना जरूरी है, अब बदलाव के बिना काम न चलेगा । समय के साथ बदलना ही पड़ेगा । बदलना ही चाहिए ।

जब तक न हो सफल, चैन नींद की त्यागो तुम ।
संघर्षों का मैदान छोड़कर, मत भागो तुम ।
कुछ किये बिना जय-जयकार नहीं होती,
कोशिश करनेवालों की कभी हार नहीं होती ।
हाँ, तो… Try and Try will be Successful.
करो कोशिश… करो कोशिश… और सफल बनोगे अवश्य । आइये, हम आलस्य, प्रमाद छोड़कर आगे बढ़ें । आइये, हम नकारात्मक विचारों को छोड़कर कोशिश करें और अवश्य सफल होंगे । पूरी शक्ति, पूरा सामर्थ्य लगा दें । चेंज मेकर्स बनें । बदलावों के नायक बनें । भाग्य के विधाता बनें । पुरुषार्थ के देवता बनें और असंभव की सीमा को cross करके संभव के लक्ष्य को तय करें । Nothing is impossible, everything is possible. लेकिन खास बात यह भी है कि हम आगे बढ़े – परंतु बिना तनाव के, बिना स्ट्रेस के, बिना भय के, बिना चिंता के । हँसते, मुस्कुराते हुए, गुनगुनाते हुए हमें जेलोटोलॉजिस्ट बनकर सफल (successful) होना है । you know क्योंकि खुश रहने की महिमा है । मुस्कुराने के कई फायदे हैं । कवि नीरज ने कहा है – दीप को अपना बनाने को पतंगा जल रहा है । समुंदर की बूँद बनने को हिमालय गल रहा है । हिमशिला पिघल रही है क्यों ? चाहत है बूँद बनने की । कठोरता को त्यागकर प्रवाहमान बनने की ख्वाहिश है इसीलिए ही तो लचीलापन, Flexibility को अपना रही है । अपनी strongness को छोड़कर पिघल रही है तो खास बात है । प्रसन्नता से आगे बढ़ें।

ग्रीक भाषा में हास्य के लिए गेलोस शब्द है और इस शब्द से अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक डॉ. विलियम एफ. फ्राय ने जेलोटोलॉजी (Gelotology) नामक शब्द बनाया है । जेलोटोमीटर भी निकाला है । जिस यंत्र से हास्य का नाप निकलता है । इससे होनेवाली तंदुरुस्ती पर अच्छी असर का लेवल नापा जाता है । पिछले दिनों भारत सरकार ने तारक मेहता को जो खिताब दिया उसी तरह जगत के जेलोटोलॉजिस्टों को सम्मान देना चाहिए क्योंकि ये हास्य शास्त्री, Smile Masters वैज्ञानिक रूप से अब ये स्वीकार कर रहे हैं कि हास्य से दिमाग तरोताजा होता है । दिमाग के कई कोषों को हास्य रिपेयर करता है । मस्तिष्क के कई रोग हास्य से, मुस्कुराने से दूर होते हैं । इसलिए Keep Smiling… मुस्कुराइये, प्रसन्न रहिये, खुश रहिये, हँसिये-हँसाइये, इस दुनिया में हास्य को फैलाइये । खिल-खिलाकर हँसिये, चाहे ठहाके मारकर हँसिये, चाहे मंद-मंद मुस्कुराइये पर हँसिये जरूर । साढ़े बारह मत बजाइये अपने चेहरे पर । ठीक कहा है किसीने –
मुस्कुराकर गम का जहर जिसको पीना आ गया ।
यह हकीकत है इस जहां में उसीको जीना आ गया ।।

जर्मनी में बर्लिन रिसर्च सेंटर है, जहाँ पर हास्य पर पूरी लाइब्रेरी बनी हुई है । यह सेंटर अपना इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ह्यूमर रिसर्च (International Journal of Humor Research) भी प्रकाशित करता है । लेटेस्ट रिसर्च के मुताबिक (6/2/2015) साइकी सेंट्रल नाम की वेबसाइट कहती है कि हम हमारे दिमाग का 10% ही रचनात्मक रूप से यूज करते हैं । बाकी का 80% सोर्स रिजर्व में रहता है और खास बात कि जब आप हँसते है, मुस्कुराते है, Smile करते है तभी कई तरह के मानसिक रोगों से अनायास मुक्ति पाते है । डिप्रेशन, एंजाइटी और दूसरे मानसिक रोग हल्के हो जाते हैं । इसके अलावा दिमाग की ताकत भी बढ़ती है । पोजिटिव साइकोलॉजी अर्थात् जिंदगी में निरंतर आशा, उमंग, उत्साह, प्रसन्नता और सकारात्मक रवैया रखने से कई तरह की बीमारियों से सहज में ही निजात मिलती है । लेकिन रिसर्चर्स कहते हैं कि हमारी बदकिस्मती है कि हम नेगेटिव रवैया या निराशावादी स्वभाव छोड़ नहीं पाते । या फिर Negative News, निराशाजनक खबरें, नकारात्मक बातों में रचे-पचे रहते हैं । जिसकी विपरीत असर होती है मन पर, बुद्धि पर और हमारे आरोग्य पर । इसलिए अच्छी खबरें, आशावादी खबरें, प्रेरणादायी खबरें और बातें, चर्चा वातावरण बढ़ाएं, Happiness (हैप्पीनेस) बढ़ाएँ । पॉजिटिविटी बढ़ाएँ और आरोग्य, आयुष्य बढ़ाएँ । Very simple that is not impossible. Gelotologist बनें । अमेरिका की वांशिगटन यूनिवर्सिटी के ब्रेन रिसर्च डिपार्टमेंट के जापानी विद्यार्थी ताल यारको ने सलाह दी है कि हमारे युवा लड़के-लड़कियों की सगाई, विवाह, रिश्ते तय करने से पहले मनोवैज्ञानिकों से चेक करवा लो कि तुम्हें मिलनेवाली पुत्रवधु, बहु या जमाई ज़िन्दगी के प्रति नेगेटिव है कि पॉजिटिव, और वे जिन्दगी की तकलीफों को मुस्कुराते हुए मुकाबला करते हैं या फिर बार-बार उन तकलीफों का रोना रोते हैं ? यह देखो और बाद में ही सुनिश्चित करो । नकारात्मक रवैया रखनेवाले को जीवनसाथी के रूप में पसंद करने से बचो । जो जीवन के लिए पॉजिटिव है या नेगेटिव, पहले ये देखो और पॉजिटिव रवैया रखनेवाले व्यक्ति को अपने जीवनसाथी के रूप में चुनो, पसंद करो । जिन्दगी की मुश्किलों को हँसकर टाल देनेवाले और सकारात्मकता रखनेवाले ही आगे बढ़ने में कामयाब हो पाते हैं, सफल हो पाते हैं । अमेरिकन कैंसर सोसाइटी अब ह्यूमर थैरापी यानी हास्य चिकित्सा का नया प्रयोग कर रही है । यहाँ वैज्ञानिक हास्य की प्रगाढ़ असर को चेक करते हैं और खुले मन से मुस्कुराते हैं, हँसते हैं । रिसर्च में सामने आया है कि एक डोपामाइन नाम का तत्व है । जब हम हँसते हैं वह द्रवित होता है और यही डोपामाइन नामक तत्व हमें सुखाकारी का अनुभव कराता है । आपकी रोग प्रतिकारक शक्ति भी बढ़ाता है । ऐसा इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका की लेखिका डॉ. कारा रोजर्स ने 10/07/2008 में कहा था ।

डॉ. एलन क्लेन ने “The Healing Power of Humor” नाम का पुस्तक प्रकाशित किया है और उसका प्रयोग अधिकतम रूप से कैंसर के मरीजों पर होता है । जो मरीज़ दवाई से अच्छे नहीं होते, वे कैंसर के मरीज़ पॉजिटिव विचारों से और हँसते, मुस्कुराते रहने की आदत को बढ़ाने से अच्छे हो जाते हैं । Gelotologist कहते हैं कि फिल्मों, उपन्यासों, कहानियों, वार्तालापों आदि परिषदों में हँसानेवाले हास्य चिकित्सकों, निष्णातों के कार्यक्रम अधिक से अधिक होने चाहिए । ग्रीक कॉमेडी कविता लिखनेवाले कवि – जिनका नाम अटपटा-सा है, वे कवि – टेकिकलाइज्डज ने कहा है कि पौष्टिक आहार, दूध, बादाम या अंडे आदि के बदले ग्रीक किसान जो सूखी ब्रेड और सांभर या सॉस खाकर पेट भरते हैं, वे सारे किसान हँसते-हँसते खाते हैं और उनको यह विनोदी स्वभाव जींस में मिलता है । इस बात को ब्रिटेन की अर्देन यूनिवर्सिटी ने प्रमाणित भी की है । जैसे गुजराती में रहस्यमय उपन्यास लिखनेवाले अश्विनी भट्ट का करीब 60 साल की उम में निधन हुआ । कविताएँ और बहुत कुछ दूसरा साहित्य लिखने के साथ-साथ अपने विनोदी स्वभाव के लिए विख्यात सुरेश तलाव 81 साल तक जीए… और तारक मेहता नामक हास्य लेखक 85 पार कर चुके और ख़ुशी से जीते रहे… अमेरिका में तो हैप्पी हॉस्पिटलें भी खुली हैं । एक हैप्पी हॉस्पिटल में मरीजों को कार्टून, हास्य लेख और विनोदी फिल्में दिखाई जाती हैं । हैप्पी हॉस्पिटल में हर रविवार को कॉमेडी फिल्में मरीजों को दिखाई जाती है । नीदरलैंड के एम्स्टरडैम शहर में मूल भारत के डॉक्टर सुपरीया ने ‘सेंटर इन फेवर ऑफ लाफ्टर’ नाम का चिकित्सा केंद्र स्थापित किया था । वहाँ पर मरीजों को दवाईयाँ कम लेकिन हास्य थैरेपी ज्यादा दी जाती थी… तो मानव का गुस्सा, निराशाजनक संवेदनाएँ मनुष्य के शरीर पर बहुत बुरी असर करती है । यह हम सभी जानते हैं तो इसी प्रकार आनंददायी और आशाजनक स्वभाव, शरीर पर अच्छी सकारात्मक असर पैदा करता है । इस सिद्धांत को अपनाकर हम आगे बढ़ें और दुनिया में आनंद को फैलाएँ । 2005 में हास्य चिकित्सा ने खूब जोर पकड़ा था लेकिन डॉक्टरों को दवाईयों से कमाई ज्यादा होती है और हास्य चिकित्सा में खुद को शामिल होना पड़ता है इसलिए हास्य चिकित्सा को साइड ट्रैक कर दिया, क्योंकि वास्तविकता यह है कि यह चिकित्सा कम खर्चीली है और फायदेमंद अधिक है ।

एक किताब है अंग्रेजी में – “The Power of the Mind to Heal”, इस किताब को दो डॉक्टरों ने लिखा है । इसमें कहा है कि अगर किसीने आपके दिल को चोट पहुँचाई है, मन में दुःख लगा है किसीके शब्दों से, व्यवहार से तो मन-ही-मन उसे बार-बार दोहराओ मत… सोचो मत… जाने दो… भूल जाओ… अगर बार-बार मन में रिपीट करोगे तो तुम्हारी बीमारी बढ़ेगी । माफ करो और जाने दो जैसी युक्ति और मुहावरे को अपनाओ । आपके शरीर की रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ेगी… अवश्य… निश्चित रूप से वृद्धि को प्राप्त होगी । इस पुस्तक में एक प्रकरण है – “Healing Power of Love” इसके लिए लम्बी दलीलें करने की ज़रूरत नहीं, आप समझ गए होंगे । सार यह है कि अगर आपको कोई मिल जाए चाहनेवाला तो कैंसर जैसा जानलेवा रोग भी हल्का हो जाता है, लाइट बन जाता है । डॉ. नार्मन कजिन्स की हास्य की फिलोसॉफी को ज्यादा प्रैक्टिकल स्वरुप देने के लिए ब्रिटेन के बर्मिंगहम शहर में एक डॉक्टर ने लॉफिंग क्लीनिक शुरू किया । ओशो रजनीश ने अपने जीवन के अंतिम वर्षों में हास्य को बहुत महत्व दिया था, श्री श्री आनंदमयी माँ जिनके प्रति भारत की भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी को बहुत ही श्रद्धा थीं, वे आध्यात्मिकता के साथ आनंदमय स्वभाव और हास्य को बहुत ही महत्व देतीं थीं । माता आनंदमयी ने कहा था – “Laugh as much as you can, it will release all the healing elements from your body.” शरीर के जो-जो अंग संकुचित हो गए होंगे उसके सारे अवरोध दूर हो जायेंगे । कवि बायर ने भी कहा है कि – “मैं हर एक पीड़ा या दर्द के सामने हँसता हूँ क्योंकि उसके बाद रोने का समय ही नहीं रहता” और ये युक्ति तो मशहूर है… आपने सुनी होगी या पढ़ी होगी “Laugh and world will laugh with you…” हँसो और मुस्कुराओ, हँसोगे तो सारी दुनिया आपके साथ हँसेगी… But weep and nobody will weep with you… तो प्रसन्न रहिये… आनंद बढाइये… मैं हैप्पी हॉस्पिटल खोलने जा रहा हूँ… तो हँसो… रोगमुक्त बनो… प्रसन्नता से बीमारी भगाओ, आरोग्य बढ़ाओ…
आयुष्यमान भवः !

आपका अपना…
नारायण साँईं [31/01/2019]

Comments (2)
Kasinath maharana
February 5, 2019 5:51 pm

The best way

Reply

Pandit shesh
February 25, 2019 5:22 am

Ati sundar

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