झूठे मुकदमे दर्ज कराने का बढ़ता जा रहा ट्रेंड

अशुद्ध बुद्धि से गलत इरादे रखकर आजकल कुछ युवतियाँ या महिलाएँ पुरुषों के ऊपर गलत आरोप लगाती हैं और महिला सुरक्षा के बने हुए कानूनों का दुरुपयोग करती हैं ऐसी कई घटनाएँ सामने आ रही है । महिलाओं/युवतियों द्वारा लगाए हुए मनगढ़त गलत बेबुनियाद यौन उत्पीड़न, यौन शोषण, छेड़छाड़ के आरोपों के कारण कई पुरुष पीड़ित हुए हैं, हो रहे हैं, अपार बदनामी सिर्फ अकेले वे पुरुष ही नहीं, उनके साथ उनके परिवार वाले भी सहन करते है ।

भारत की विभिन्न जेलों में ऐसे कई पुरुष रेप के गलत आरोपों के चलते गलत सजा भुगत रहे हैं । पुरुषों के हक में देश में अब आवाज उठ रही है – पुरुष आयोग बनाने के लिए कुछ संस्थाएँ-संगठन प्रयास कर रहे हैं ऐसी बात मेरी जानकारी में आई है । करन ओबेरॉय जो कि सिंगर व एक्टर हैं – उनको भी रेप के झूठे आरोपों में एक महिला ने फँसाया और जेल भेजा ।

पूजा बेदी व कई फिल्मी सितारे उनके समर्थन में उतर आए । नाना पाटेकर के खिलाफ आरोप लगानेवाली महिला तनुश्री दत्ता झूठी साबित हुई । मेरा इरादा किसीको बदनाम करने का नहीं परंतु 2013 के बाद बने बलात्कार के नए कानूनों का दुरुपयोग हो रहा है और बदला लेने, बदनाम करने, रुपए ऐंठने या किसी अन्य कारण से बलात्कार का आरोप किसी पुरुष पर लगाकर और उसे कलंकित करना कितना गलत है ! मैं एक ऐसा ही पीड़ित पुरुष हूँ जो यह दंश झेल रहा हूँ ।

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